तिरुवनंतपुरम: देश की पहली दृष्टिबाधित IAS अधिकारी प्रांजल पाटिल ने केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के सब कलेक्टर की जिम्मेदारी संभाल ली है। आपको बता दें कि मुंबई से सटे उल्हासनगर में रहने वाली 26 साल की प्रांजल पाटिल ने 2016 की UPSC की परीक्षा में 773वां रैंक हासिल किया था। खास बात यह थी कि प्रांजल ने यह कामयाबी अपनी पहली ही कोशिश में हासिल कर ली थी। इसके बाद प्रांजल ने 2017 में एक बार फिर यूपीएससी की परीक्षा दी और इस बार उन्हें 124वीं रैंक मिली।
रेलवे ने नौकरी देने से कर दिया था इनकार
2016 में 773वीं रैंक आने के बाद प्रांजल को भारतीय रेलवे लेखा सेवा (IRAS) में नौकरी आवंटित की गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रेनिंग के समय रेलवे मंत्रालय ने उन्हें नौकरी देने से इनकार कर दिया था। रेलवे मंत्रालय ने प्रांजल की 100 फीसदी नेत्रहीनता को कमी का आधार बनाया था। इसके बाद प्रांजल ने 2017 में फिर से UPSC की परीक्षा दी और 124वीं रैंक हासिल की। ट्रेनिंग के बाद प्रांजल ने 2017 में केरल की एरनाकुलम के उप कलेक्टर के रूप में अपने प्रशासनिक करियार की शुरुआत की थी। प्रांजल ने तब अपनी कामयाबी का श्रेय माता-पिता के अलावा अपने पति को भी दिया था।
6 साल की उम्र में ही चली गई थी आंखों की रोशनी प्रांजल जब सिर्फ 6 साल की थी, तब उनके एक सहपाठी ने उनकी एक आंख में पेंसिल मारकर उन्हें चोटिल कर दिया था। इसके बाद प्रांजल की उस आंख की रोशनी चली गई। डॉक्टर ने उनके माता-पिता को बताया था कि भविष्य में वह अपनी दूसरी आंख की रोशनी भी खो सकती हैं, और आगे चलकर यह आशंका भी सही साबित हुई। माता-पिता ने प्रांजल को अच्छी शिक्षा देने में कोई कमी नहीं की और उन्हें मुंबई के दादर में नेत्रहीनों के लिए श्रीमती कमला मेहता स्कूल में भेजा। प्रांजल ने पढ़ाई में अपनी प्रतिभा का लोहा स्कूल के दिनों में ही मनवा दिया था।
Latest India News