नई दिल्ली: केरल नन रेप मामले में आरोपी जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल से जुड़ा मामला वेटिकन के संज्ञान में लाया गया है। भारत की ओर से चर्च प्रतिनिधि वेटिकन में इस मामले पर चर्चा करने के लिए मौजूद हैं और माना जा रहा है कि जल्द ही वेटिकन इसे लेकर हस्तक्षेप कर सकता है। माना जा रहा है कि चर्चा के बाद मामले में आने वाले दिनों में वेटिकन भी हस्तक्षेप कर सकता है।
वहीं इस मालमे में आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने जांच पूरी होने तक अपना पद छोड़ने का फैसला किया है। उन्हें 19 सितंबर को पुलिस जांच दल के सामने पेश होना है। ऐसे में उन्होंने फिलहाल ये जिम्मेदीरी डिप्टी बिशप को सौंप दी है। बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने एक पत्र में कहा है, 'मुझे केरल में जांच अधिकारी द्वारा आगे स्पष्टीकरण के लिए बुलाए जाने की संभावना है। केरल में जांच अधिकारी आरवी, जोसेफ थेक्कुमकट्टिल और सुबिन थेक्कदेथु मुझे बुला सकते हैं।'
नन ने हाल ही में इंसाफ के लिए वेटिकन से फौरन हस्तक्षेप करने की मांग की थी। पीड़ित नन ने भारत में वेटिकन के प्रतिनिधि जियामबटिस्टा दिक्वात्रो को एक ख़त लिखकर मामले की जांच कराने और बिशप फ्रैंको को पद से हटाने की गुहार लगाई थी।
उन्होंने फ्रैंको को हटाने की मांग करते हुए कहा था कि चर्च सच्चाई के प्रति आंखें क्यों मूंदे हुए है, जबकि उन्होंने अपनी पीड़ा सार्वजनिक करने का साहस दिखाया है। 8 सितंबर 2018 को लिखे गए सात पेजों के खत में नन ने कहा था कि चर्च की चुप्पी मुझे अपमानित महसूस करा रही है।
बता दें कि जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर नन ने रेप का आरोप लगाया है, जिसके चलते बिशप के खिलाफ कई और नन भी उतर आईं हैं। पीड़िता के भाई ने आरोप लगाया था कि चुनाव की वजह से राज्य सरकार आरोपी पादरी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है।
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