कोच्चि: केरल नन रेप मामले में आरोपी जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। केरल में शनिवार को विरोध प्रदर्शन कर रहीं ननों के एक समूह ने कहा कि वे सिर्फ बिशप की गिरफ्तारी के बाद ही चैन की सांस लेंगी। बिशप पर एक वरिष्ठ नन का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। कोच्चि में सैकड़ों लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन कर रही 5 ननों में से एक ने मीडिया से कहा, ‘हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे और खुश नहीं होंगे, जब तक उससे पूछताछ नहीं होती और उसकी गिरफ्तारी नहीं हो जाती।’
नन का यह बयान उन खबरों के बाद आया है, जिनमें कहा गया है कि जालंधर में रोमन कैथोलिक डायोसिस के बिशप फ्रैंको मुलक्कल अपना पद छोड़ रहे हैं। एक अन्य नन ने कहा कि बिशप फ्रैंको बहुत प्रभावशाली हैं और उन्हें कम नहीं आंका जा सकता। उसने कहा, ‘हम विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे और तब तक नहीं रुकेंगे जब तक बिशप फ्रैंको की गिरफ्तारी नहीं हो जाती।’ बिशप को गुरुवार को केरल हाई कोर्ट से राहत मिल गई और अदालत ने कहा कि 'गिरफ्तारी मुद्दा नहीं है' और उसने जारी जांच पर संतोष जताया।
पीड़िता ने मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच लगातार यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। उसी समूह की 5 अन्य ननों ने पीड़िता के दावे का समर्थन किया है। बिशप के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और 114-पृष्ठों का एक विस्तारित बयान पीड़िता और कान्वेंट की अन्य ननों से लिया गया है। मुलक्कल ने हालांकि इन अरोपों से इनकार किया है और इसे अपने खिलाफ साजिश बताया है। उन्हें 19 सितंबर को पुलिस जांच दल के सामने पेश होना है।
(IANS से इनपुट्स के साथ)
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