केरल में कोरोना वायरस के 29,322 नए मामले सामने आए, 131 लोगों की मौत
इस बीच कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने छह सितंबर से केरल में शुरू होने वाली 11वीं कक्षा की ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने के राज्य सरकार के फैसले पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी।
तिरुवनंतपुरम: केरल में शुक्रवार को कोविड-19 से 131 लोगों की मौत होने से राज्य में मरने वालों की संख्या 21,280 हो गई। वहीं, बीमारी के 29,322 नए मामले सामने आए जिससे राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 41.51 लाख से अधिक हो गए। नए मामले के बाद राज्य में अब कुल मामलों की संख्या बढ़कर 41,51,455 हो गई है। इस बीच, शुक्रवार को 22,938 लोग इस बीमारी से ठीक हो गए, जिससे अब तक ठीक हो चुके कुल लोगों की संख्या बढ़कर 38,83,186 हो गई, जबकि अब उपचाराधीन मरीजों की संख्या 2,46,437 है।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि पिछले 24 घंटों में 1,63,691 नमूनों की जांच की गई और जांच संक्रमण दर 17.91 प्रतिशत रही। राज्य में अब तक 3,20,65,533 नमूनों की जांच की जा चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि कम से कम छह जिलों में कोविशील्ड वैक्सीन की खुराकें पूरी तरह खत्म हो गई हैं और सरकार ने केंद्र से और खुराकें मांगी हैं। केरल में एक दिन पहले कोविड-19 के मामलों की कुल संख्या 41 लाख पहुंच गई थी।
उन्होंने कहा कि कोल्लम, कोट्टायम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, कोझीकोड और कन्नूर जिले वैक्सीन की कमी का सामना कर रहे हैं और राज्य के भंडार में केवल 1.4 लाख खुराक शेष हैं। हालांकि, मंत्री ने कहा कि सभी जिलों में कोवैक्सीन का सीमित स्टॉक है। जॉर्ज ने यहां एक बयान में कहा, ''हमने केंद्र से जल्द से जल्द वैक्सीन की और खुराक उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।''
इस बीच कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने छह सितंबर से केरल में शुरू होने वाली 11वीं कक्षा की ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने के राज्य सरकार के फैसले पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण राज्य में स्थिति चिंताजनक है। कोर्ट ने कहा कि देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में से करीब 70 प्रतिशत केरल में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस उम्र के बच्चों को जोखिम में नहीं डाला जा सकता।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा, ‘‘हमें प्रथमदृष्टया याचिकाकर्ता की इस दलील में दम लगता है कि राज्य सरकार ने इस साल सितंबर में होने वाली ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने के लिए मौजूदा हालात पर गंभीरता से विचार नहीं किया है। हमें इस संबंध में राज्य के वकील से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका है, इसलिए हम अंतरिम राहत देते हुए अगली सुनवाई तक ऑफलाइन परीक्षा पर रोक लगाते हैं।’’
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 सितंबर की तारीख तय की। इससे पहले, केरल हाईकोर्ट ने कहा था कि परीक्षा आयोजित करना सरकार की नीति का विषय है और इसमें हस्तक्षेप वांछित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने वकील रसूलशान ए की अपील पर आदेश सुनाया जिन्होंने ऑफलाइन परीक्षाएं कराने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।
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