नई दिल्ली। निपाह विषाणु के खतरे के बीच केरल की स्वास्थ्य मंत्री के. के. शैलजा ने शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन से इस घातक बीमारी के संक्रमण की मौजूदा स्थिति और उससे निपटने के तैयारियों पर चर्चा की। हर्ष वर्धन नियमित रूप से केरल में लोक स्वास्थ्य को लेकर उठाए गए कदमों की समीक्षा कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने शैलजा को केंद्र से हर संभव सहायता मुहैया कराने का आश्वासन दिया।
शैलजा ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘मैं यहां डॉक्टर वर्धन से मिलने और उन्हें मौजूदा स्थिति तथा इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार की कोशिशों से अवगत कराने आई हूं।’’ उन्होंने बताया कि जिस 21 वर्षीय कॉलेज छात्र के निपाह विषाणु से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। वहीं संक्रमित छात्र के साथ संपर्क में आए 314 लोगों को निगरानी में रखा गया है। उन्होंने बताया, ‘‘ कोई नया मामला सामने नहीं आया है।’’
पिछले साल मई में इस विषाणु के संक्रमण से 17 लोगों की मौत हो गयी थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमित मरीजों की पहले पहचान और आइसोलेशन सुविधा की समीक्षा के लिये छह सदस्यों वाली टीम का गठन किया है। इसी बीच सातों संदिग्ध मरीजों के रक्त एवं सीरम के नमूने की जांच की रिपोर्ट आ चुकी है जिसमें सभी को निपाह से मुक्त पाया गया।
कालीकट, त्रिशूर और कोट्टायम के मेडिकल कॉलेजों में भी आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार निपाह विषाणु एक उभरता हुआ रोग है जो पशुओं, चमगादड़ों से पशुओं एवं मानवों दोनों में फैलता है।
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