कोच्चि: केरल में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए वहां की विजयन सरकार ने राज्य में 3 दिन का सख्त लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है। हालांकि विजयन सरकार ने ईद के मौके पर 3 दिन की छूट दी हुई थी और अब अचानक लॉकडाउन लगाने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में सोशल मीडिया के जरिए लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब लॉकडाउन ही लगाना था तो ईद के मौके पर छूट देने की क्या जरूरत थी।
केरल सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार राज्य में 24 और 25 जुलाई को पूर्ण लॉकडाउन रहेगा। ईद के मौके पर विजयन सरकार ने 18-19 और 20 जुलाई को लॉकडाउन की शर्तों में ढील दे दी थी।
बता दें कि कोरोना के हालातों के बीच राज्य में बकरीद मनाने के लिए प्रतिबंधों में ढील देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह चौंकाने वाली बात है कि केरल सरकार ने लॉकडाउन के नियमों में ढील देने की व्यापारियों की मांग को मान लिया है। शीर्ष अदालत ने व्यापारियों के दबाव में बकरीद से पहले ढील देने के लिए केरल सरकार को फटकार लगाई और कहा कि यह माफी योग्य नहीं है।
न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा कि केरल सरकार ने बकरीद के अवसर पर पाबंदियों में इस तरह की छूट देकर देश के नागरिकों के लिए राष्ट्रव्यापी महामारी के जोखिम को बढ़ा दिया है। पीठ ने कहा, "हम केरल सरकार को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निहित जीवन के अधिकार पर ध्यान देने का निर्देश देते हैं।" सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दबाव में आकर किसी की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर बकरीद पर छूट की वजह से कोरोना फैला तो कड़ी कार्रवाई होगी।
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