तिरुवनंतपुरम: केरल सरकार ने निपाह वायरस के मामलों से निपटने के लिए सोमवार को प्रबंधन योजना जारी की जिसमें सरकारी और निजी अस्पतालों द्वारा पालन किए जाने वाले स्वास्थ्य प्रोटोकॉल को सूचीबद्ध किया गया है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने एक बयान में कहा कि जिला अधिकारी निपाह के लिए एक अलग प्रबंधन योजना तैयार कर सकते हैं और यह भी बताया कि मरीजों के उपचार और छुट्टी के संबंध में दिशा-निर्देश भी प्रकाशित किए गए हैं।
उन्होंने सभी जिलों के अधिकारियों से सतर्क रहने और एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क ज्वर) से प्रभावित लोगों को निगरानी में रखने के लिए कहा। कोझिकोड के 12 वर्षीय लड़के की रविवार को निपाह वायरस संक्रमण से मौत के बाद राज्य का स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है।
मंत्री ने कहा, ‘‘मुख्य उद्देश्य मरीजों की निगरानी, जांच और उपचार है। निगरानी के तहत संपर्क का प्रभावी तरीके से पता लगाया जाएगा और मरीज को अलग-थलग किया जाएगा। उपचार प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा और इसकी लगातार निगरानी की जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों, डॉक्टरों, निजी अस्पतालों के कर्मचारियों और अन्य को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मंत्री ने कोझिकोड गेस्ट हाउस में निपाह नियंत्रण कक्ष के कामकाज की भी निगरानी की। स्वास्थ्य विभाग ने 27 अगस्त से लड़के के संपर्क में आए 188 लोगों की पहचान की है। संक्रमित लड़के के संपर्क में आए ज्यादा जोखिम वाले 20 लोगों में से सात लोगों के नमूने जांच के लिए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) पुणे भेजे गए हैं और परिणाम की प्रतीक्षा है।
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