तिरुवनंतपुरम: केरल में सरकारी डॉक्टर हाल के वेतन संशोधन में विसंगतियों के विरोध में तिरुवनंतपुरम में स्थित सचिवालय के सामने बारी-बारी से प्रदर्शन करेंगे। वेतन संशोधन में कथित तौर पर उनके भत्तों और कुछ लाभों में कटौती की गई है। केरल सरकारी चिकित्सा अधिकारी संगठन (KGMOA) की ओर से शनिवार को तिरुवनंतपुरम में कहा गया कि बीते कई महीनों से कोविड-19 के खिलाफ अथक संघर्ष कर रहे चिकित्सक समुदाय की परेशानियों की सरकार ने उपेक्षा की है और उनके भत्तों में कटौती की है।
‘…तो चिकित्साकर्मी 16 नवंबर को सामूहिक अवकाश पर जाएंगे’
KGMOA के अध्यक्ष डॉ जी. एस. विजयकृष्णन ने आरोप लगाया कि न केवल डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को जोखिम भत्ते से वंचित कर दिया गया, बल्कि जब वेतन संशोधन आया और उनके कई भत्ते वापस ले लिए गए, तो उस अनुपात में कोई वृद्धि नहीं हुई। KGMOA की पूर्व अध्यक्ष एस. प्रमिला देवी ने बताया कि प्रदर्शन में पारिवारिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला स्वास्थ्य केंद्रों के सैकड़ों चिकित्सक शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने इस आंदोलन की भी अनदेखी की, तो चिकित्साकर्मी 16 नवंबर को सामूहिक अवकाश पर जाएंगे।
‘केरल में शुक्रवार को कोरोना के 7,772 नए मामले सामने आए’
बता दें कि केरल देश में कोरोना वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में से एक रहा है। सूबे में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 7,772 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 49,44,857 हो गई। इसके अलावा 471 और रोगियों की मौत की पुष्टि होने के साथ ही मृतकों की तादाद बढ़कर 31,156 तक पहुंच गई है। राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, 6,648 और लोगों के संक्रमण के उबरने के बाद ठीक हो चुके लोगों की कुल संख्या 48,43,5768 हो गई है। केरल में फिलहाल 78,722 ऐक्टिव केस हैं।
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