केरल बाढ़: 100 साल की सबसे खतरनाक तबाही में 400 से ज्यादा लोगों की मौत, राज्य सरकार ने 2,600 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की
मुख्मयंत्री पिनरायी विजयन की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने आज अपनी एक बैठक में मनरेगा समेत केंद्र की विभिन्न योजनाओं के तहत उससे एक विशेष पैकेज मांगने का निर्णय लिया।
तिरूवनंतपुरम/कोच्चि: भयंकर बारिश और विनाशकारी बाढ़ के बाद अब जिंदगी पटरी पर लाने की जद्दोजेहद में जुटे केरल ने आज केंद्र से 2,600 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग की। पिछले एक पखवाड़े में राज्य में बाढ़ की वजह से 400 लोगों की ज़िंदगी मौत के पंजे में जा चुकी है और 14 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। मुख्मयंत्री पिनरायी विजयन की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने आज अपनी एक बैठक में मनरेगा समेत केंद्र की विभिन्न योजनाओं के तहत उससे एक विशेष पैकेज मांगने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने राज्य में पिछले 100 साल में आई सबसे विनाशकारी बाढ़ से हुए नुकसान की समीक्षा की।
केंद्र केरल के लिए 600 करोड़ रुपये जारी कर चुका है। उसने प्रभावित लोगों के लिए मंगाई जाने वाली राहत सामग्रियों पर सीमा शुल्क और जीएसटी नहीं लेने का फैसला किया है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने नई दिल्ली में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 500 करोड़ रुपये और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा घोषित 100 करोड़ रुपये आज जारी कर दिए गए हैं। संयुक्त अरब अमीरात ने केरल के पुनर्निर्माण के लिए दस करोड़ अमेरिकी डॉलर (700 करोड़ रुपये) की मदद का वादा किया है।
सरकार ने कहा है कि राज्य के अन्य हिस्सों से आज आठ शव मिलने के साथ ही आठ अगस्त से राज्य में बारिश और बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 231 हो गई। पिछले एक पखवाड़े से राज्य के साढ़े 14 लाख लोग 3,200 राहत शिविरों में रह रहे हैं।
सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने राहत और पुनर्वास को लेकर सरकार के उपायों में हरसंभव सहयोग देने की बात कही। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे राज्य के पुनर्निर्माण के लिए एकजुट होकर काम करेंगे। राज्य के अधिकतर हिस्सों में आज सड़क और रेल यातायात बहाल हो गया। कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 26 अगस्त से उड़ानों के फिर से परिचालन की संभावना है। बाढ़ और लगातार बारिश के कारण देश के सबसे व्यस्ततम हवाई अड्डे में से एक कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 14 अगस्त से उड़ानों का परिचालन नहीं हो रहा है।
भारतीय रेलवे ने कहा है कि उसने सभी क्षतिग्रस्त पटरियों की मरम्मत कर ली है और आज से सामान्य यातायात बहाल हो गया। केंद्रीय पर्यटन मंत्री के जे अल्फोंस ने कहा कि पानी घटने के साथ लोग अपने घर लौट रहे हैं। उन्होंने तैयार भोजन, चिकित्सकों एवं नर्सों की जरूरत पर बल दिया। स्थिति के गंभीर होने के कारण राज्य के कई हिस्सों में बकरीद और ओणम नहीं मनाए जाएंगे। सरकार और अन्य संस्थाओं ने 25 अगस्त को ओणम के अवसर पर आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। इन समारोहों के लिए जुटायी गई धन राशि का इस्तेमाल बाढ़ राहत के लिए किया जाएगा।