तिरुवनंतपुरम: केरल में हजारों लोग, विशेषकर पथानमथिट्टा में और एर्नाकुलम व त्रिशूर के हिस्सों में बाढ़ में फंसे हुए हैं और उनके लिए राहत व बचाव में लगे बचावकर्ता भारी बारिश से जूझ रहे हैं। राज्य में गुरुवार को बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 88 हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे बुरी तरह प्रभावित पथानमथिट्टा के दक्षिण जिलों में सैकड़ों लोग अपने घरों की छतों पर शरण लिए हुए हैं। पानी में डूबे इन स्थानों से लोगों को हवाईजहाज या हेलीकॉप्टर के जरिए निकालने के प्रयास अभी तक विफल रहे हैं।
एक व्यक्ति ने कहा, "मेरी 90 साल की सास, कैंसर की मरीज भाभी व दूसरे संबंधी खतरनाक स्थिति में रह रहे हैं क्योंकि तिरुवल्ला के पास उनके घर के बाहर ही नहीं, अंदर भी पानी बढ़ रहा है।" उन्होंने कहा, "जब हमने अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि वे असहाय हैं क्योंकि नावें उपलब्ध नहीं हैं।" चेंगन्नूर से माकपा के विधायक साजी चेरियन ने कहा, "सैकड़ों लोग व्यग्रता से निकाले जाने का इंतजार कर रहे हैं और उन्हें सिर्फ हवाई परिवहन के जरिए निकाला जा सकता है। अगर जल्द कुछ नहीं किया गया तो स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है।"
राज्य में टीवी चैनल मदद मांग कर रहे लोगों की सजीव तस्वीरें प्रसारित कर रहे हैं। एक परिवार ने गुरुवार को एक टीवी चैनल से कहा, "हम चेंगन्नूर के पास अपने दो मंजिला इमारत की छत पर खड़े हैं और बीती शाम से हमसे कहा जा रहा है कि हमें जल्द ही बचाया जाएगा। यदि हमारे पास एक घंटे में मदद नहीं पहुंची तो हम जीवित नहीं बचेंगे क्योंकि जलस्तर डरावने ढंग से तेजी से बढ़ रहा है।"
इडुक्की जिले के बांध से छोड़े गए जल के पेरियार नदी व दूसरी सहायक नदियों में पहुंचने के बाद इसी तरह के हालात मध्य केरल के अलुवा व चलकुडी में भी हैं। एर्नाकुलम के पुलिस अधीक्षक ग्रामीण राहुल आर.नायर ने कहा कि सैकड़ों लोगों को मदद की जरूरत है। नायर ने कहा कि नावों की कमी सबसे बड़ी समस्या है।
एर्नाकुलम से त्रिशूर को जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद हो गया है क्योंकि कई इलाकों में अब मुख्य मार्गो पर पानी भर गया है। इस बीच, विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि समय निकलता जा रहा है। बड़ी संख्या में सेना के बचावकर्ताओं की तैनाती की जरूरत है।
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