केरल की विनाशलीला में जिंदगी की जंग, जान बचाई, अब जिंदगी संवारने की बारी
बाढ़ के कारण बेघर हुए लोगों की तादाद काफी ज्यादा हो गई। राहत शिविरों में 10 लाख से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। बाढ़ प्रभावित जिलों में बनाए गए 3,274 राहत शिविरों में 10,28,000 लोग ठहरे हुए हैं।
नई दिल्ली: केरल में कुदरत का ऐसा कहर बरपा है कि अब तक 400 लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोग बेघर हो चुके हैं लेकिन लाखों लोग बचाए भी गए हैं और ये मुमकिन हुआ है केरल में चल रहे सदी के सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन की वजह से। आर्मी, नेवी, एयरफोर्स, एनडीआरएफ समेत तमाम दूसरी एजेंसियों के जांबाज फरिश्ते सैलाब में फंसे लोगों की जिंदगी बचाने में दिन-रात जुटे हैं। पिछले दो दिन में बारिश कम हुई जिसकी वजह से कई इलाकों में बाढ़ का पानी थोड़ा कम हुआ है। रेस्क्यू करने के साथ साथ अब आर्मी के जवान ऑपरेशन मदद के तहत लोगों तक राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं।
बाढ़ के कारण बेघर हुए लोगों की तादाद काफी ज्यादा हो गई। राहत शिविरों में 10 लाख से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। बाढ़ प्रभावित जिलों में बनाए गए 3,274 राहत शिविरों में 10,28,000 लोग ठहरे हुए हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि देशभर से कई टनों में राहत सहायता मिल रही है। आधिकारियों ने मानसून सीजन के दौरान हुई भारी बारिश के कहर में अब तक 370 लोगों की मौत होने की पुष्टि की है।
कोझीकोड, वायानाड, मालापुरम और पटनामतिट्टा स्थित राहत शिविरों से सोमवार को कुछ लोगों को घर वापस लौटते देखा गया। राहतकर्मियों ने निस्वार्थ रूप से कड़ी मेहनत करते हुए उनके घरों को कीचड़ निकालकर साफ किया। अधिकारियों और राहतकर्मियों ने बताया कि सांप काटने के पचास मामले सामने आए हैं क्योंकि बाढ़ के पानी में आए तालाबों से निकलकर आए सांप लोगों के घरों में घुस गए थे।
केरल की विनाशकारी बाढ़ को प्रदेश सरकार ने भयानक आपदा घोषित किया है। केंद्र सरकार भी केरल में आई इस विपदा को गंभीर आपदा मान रही है। बाढ़ की वजह से केरल में अब तक 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें 216 लोगों की मौत तो पिछले 12 दिनों में हुई। 40,000 हेक्टेयर इलाके में फसलें बर्बाद हो गई, 1,000 से ज्यादा घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं जबकि 26,000 घरों को बाढ़ से नुकसान पहुंचा है। बाढ़ से करीब 21,000 करोड़ के नुकसान का अनुमान है लेकिन ऐसे मुश्किल हालात में भी आर्मी, नेवी, एयरफोर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवानों और स्वयंसेवी संगठनों की बदौलत केरल को बचाने की जद्दोजहद लगातार जारी है।
केरल सरकार के आग्रह पर सोमवार को राज्य के बैंकरों की समिति ने कृषि ऋण की वसूली के लिए एक साल का स्थगन प्रदान करने का फैसला लिया। तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य शशि थरूर इस बीच अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी एजेंसियों से मिलने के लिए जेनेवा गए हैं। उन्होंने कहा, "मैं मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के संपर्क में हूं और हरसंभव मदद की तलाश कर रहा हूं।" केंद्र सरकार ने 100 टन दाल और 52 टन आपातकालीन दवाओं की खेप पहुंचाई है।
प्रदेश के राजस्व मंत्री ई चंद्रशेखरन ने कहा कि जिन लोगों की जायदाद को नुकसान हुआ है उनको मुआवजा दिया जाएगा। कोट्टायम और शोरनुर मार्ग पर रेलवे ने ट्रेन परिचालन शुरू कर दिया है। केरल राज्य परिवहन निगम ने भी अपने कई डिपो से सेवा बहाल कर दी है। उम्मीद की जा रही है कि एक या दो दिन में परिवहन सेवा पूरी तरह बहाल हो जाएगी।