A
Hindi News भारत राष्ट्रीय दक्षिण पूर्वी अरब सागर में मॉनसून का जोर पकड़ना केरल के लिए घातक साबित हुआ

दक्षिण पूर्वी अरब सागर में मॉनसून का जोर पकड़ना केरल के लिए घातक साबित हुआ

विशेषज्ञों ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी में हवा के कम दबाव के दो क्षेत्रों के साथ मिलने और दक्षिणपूर्व अरब सागर में मॉनसून के जोर पकड़ने के चलते केरल में इस महीने भारी बारिश हुई।

Kerala Flood- India TV Hindi Image Source : PTI Kerala Flood

नयी दिल्ली: विशेषज्ञों ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी में हवा के कम दबाव के दो क्षेत्रों के साथ मिलने और दक्षिणपूर्व अरब सागर में मॉनसून के जोर पकड़ने के चलते केरल में इस महीने भारी बारिश हुई। पश्चिमी घाट से लगे तटीय राज्य में अभूतपूर्व बारिश होने से 300 से अधिक लोगों की मौत हुई है। 10 लाख से अधिक लोगों को अपना घर बार छोड़ने को मजबूर होना पड़ा और हजारों करोड़ रूपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। 

मौसम विभाग ने कहा है कि जून और जुलाई में राज्य में सामान्य से क्रमश: 15 फीसदी और 16 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई, जबकि एक अगस्त से 19 अगस्त के बीच 164 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई। स्काईमेट प्रमुख (मौसम विज्ञान) जी पी शर्मा ने बताया कि कोंकण से केरल तक लगे पश्चिमी घाट में कम दबाव का क्षेत्र, बंगाल की खाड़ी में हवा का कम दबाव का क्षेत्र, सोमाली जेट परिघटना ने पश्चिमी घाट में बारिश ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

सोमाली जेट धाराएं वे हवाएं हैं जो मैडागास्कर के पास बनती हैं और पश्चिमी घाट की ओर आती हैं। इन सभी कारकों के मिल जाने से राज्य में अभूतपूर्व बारिश हुई। निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन) ने बताया कि राज्य में मॉनसून पहले से सक्रिय था और कोंकण गोवा से लेकर केरल तक तटीय कम दबाव का क्षेत्र रहा। 

उन्होंने बताया कि दक्षिण पूर्व अरब सागर में एक चक्रवाती परिसंचरण रहा, जिसने केरल और दक्षिण तटीय कर्नाटक को प्रभावित किया। इसके अलावा ओडिशा तट के पास सात अगस्त और 13 अगस्त को हवा के कम दबाव के दो क्षेत्र बने। कम दबाव के इस क्षेत्र ने अरब सागर से हवाओं को अपनी ओर खींचा। 

मौसम विभाग के अतिरिक्त निदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि कम दबाव के इन क्षेत्रों ने अरब सागर से पूर्वी पवनों को अपनी ओर खींचा और इसकी वजह से पश्चिमी घाट के ऊपर बादल बने जिससे केरल में बारिश आई। कई मौसमी पद्धतियों के साथ मिलने से बड़े पैमाने पर तबाही हुई और जानमाल को नुकसान पहुंचा। 

Latest India News