कोच्चि. केरल में चुनाव प्रचार के दौरान माकपा नीत LDF और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने शादी के बहाने धर्मांतरण कराने के मुद्दे को अबतक ठंडे बस्ते में डाला हुआ था, लेकिन सत्तारूढ़ LDF के एक घटक द्वारा इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से विवाद पैदा हो गया है। केरल कांग्रेस (एम) के नेता जोस के. मणि के बयान का केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (केसीबीसी) ने समर्थन किया है और कहा है कि राज्य में "लव जिहाद एक सच्चाई है।"
बहरहाल, मणि ने सोमवार को इस मुद्दे पर अपने कदम पीछे खींच लिए क्योंकि उन्हें लगा कि भाकपा और माकपा समेत एलडीएफ के अन्य घटक दलों को यह पसंद नहीं आएगा। ईसाई बहुल पाला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे मणि ने रविवार को एक टीवी कार्यक्रम के दौरान यह मुद्दा उठाया था।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, "अगर ऐसा कोई मुद्दा सामने आता है तो उसकी जांच करनी चाहिए, उसका निदान करना चाहिए। फिर भी लोगों में इसे लेकर शंकाएं हैं तो उसका स्पष्टता से अध्ययन किया जाना चाहिए।"
मणि के बयान का स्वागत करते हुए केसीबीसी के प्रवक्ता फादर जैकब पलाकप्पिलै ने कहा कि वह मुद्दे पर मणि के जवाब से खुश हैं और उन्होंने राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों से मामले पर अपना रुख बताने को कहा। इस बाबत प्रतिक्रिया देने को कहे जाने पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कन्नूर में कहा कि उन्हें केरल कांग्रेस नेता के इस तरह के बयान की कोई जानकारी नहीं है। विजयन ने कहा, "आपको इस बारे में उनसे ही पूछना चाहिए।"
भाकपा के राज्य सचिव के.राजेंद्रन ने कहा कि अगर मणि 'लव जिहाद' पर इस तरह के बयान देते हैं तो यह उनकी पार्टी की राय है, इसे एलडीएफ की राय नहीं मानें। प्रदेश भाजपा प्रमुख के.सुरेंद्रन ने कहा कि मणि के बयान से साबित हो गया है कि भाजपा जो मुद्दा उठा रही है, वह राज्य में प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने राज्य में सरकार बनने पर 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून बनाने का वादा किया है।
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