शाम को ठंडी-ठंडी हवाओं के बीच यज्ञशाला के पिछले हिस्से मे एक ऊंचे स्टेज पर संस्कृति कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। पहले दिन प्रसिद्ध लोक गायक चुग्गे ख़ान साहब ने राजस्थानी मिट्टी की खुश्बू से सराबोर लोक गीतों से मन मोह लिया। उन्हें सुनने सैलानी तो मौजूद थे ही साथ ही आस-पास के गांवों से आई पारंपरिक पोशाकों मे सजी महिलाएं भी बड़ी संख्या मे उपस्थित थी, और घूँघट के पीछे होने के बावजूद ये महिलाएं न सिर्फ़ संगीत का आनंद ले रही थीं बल्कि चुग्गे ख़ान साहब से फरमाइशी गीत भी सुनने का आग्रह कर रही थीं। यह मंज़र देखने लायक़ था।
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