Photo Blog: जिसे कोई जीत नहीं पाया वो आपका दिल जीत लेगा, देखिए कुंभलगढ़ फेस्टिवल के दिलचस्प नजारे
डॉक्टर कायनात काजी- सच कहूं तो पहले कभी सुना नही था मैंने यह नाम। कुम्भलगढ़ को जानती ज़रूर थी लेकिन उसके विशालतम दुर्ग के लिए न कि फेस्टिवल के लिए, और इतना जानती थी कि
डॉक्टर कायनात काजी-
सच कहूं तो पहले कभी सुना नही था मैंने यह नाम। कुम्भलगढ़ को जानती ज़रूर थी लेकिन उसके विशालतम दुर्ग के लिए न कि फेस्टिवल के लिए, और इतना जानती थी कि ग्रेट वाल ऑफ़ इंडिया भी यहीं है। राजस्थान टूरिज़्म की तरफ से जब न्योता आया तो जिज्ञासा हुई कि कैसा होगा यह फेस्टिवल। हमेशा की तरह गूगल पर जाकर जानकारी जुटाने की कोशिश की पर बहुत कुछ हाथ नही लगा। यू टयूब पर एक वीडियो देखकर तो सोच में पड़ गई की जाऊं कि न जाऊं।
वीडियो देखकर सच कहूं तो कुछ ख़ास नही लगा था। ट्रैवेलर का पहला उसूल याद किया कि जब तक मैं अपनी आँखों से न देख लूं तब तक भरोसा नही करूंगी। इसलिए फ़ैसला किया कि खुद जाकर देखूंगी। वैसे भी कुम्भलगढ़ जाना मेरी विशलिस्ट मे पहले से था तो क्यों न फेस्टिवल के वक़्त जाया जाए।
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कुम्भलगढ़ जाना जाता है अपनी सबसे लम्बी दीवार के लिए। पूरी दुनिया में चीन की ग्रेट वॉल ऑफ चाइना के बाद यह दीवार अपनी लंबाई के लिए मशहूर है। और यह क़िला इसलिए मशहूर है कि यह अजय है, अभेद है। इस दुर्ग को आज तक कोई भी जीत नही पाया है। इसके बनाना वालों ने इसे बड़ी होशयारी से बनाया है। सामरिक दृष्टि से यह दुर्ग बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस दुर्ग के बारे मे बहुत कुछ है बताने को इसलिए दुर्ग की दास्तान अगली पोस्ट मे बताऊंगी। फिलहाल हम बात करेंगे कुम्भलगढ़ फेस्टिवल की।
उदयपुर तक मैं फ्लाइट से पहुंची और वहां से आगे रोड ट्रिप। उदयपुर से निकलते ही खूबसूरत पहाड़ी रास्ता शुरू हो जाता है। हमारे दोनों ओर अरावली पर्वत की श्रंखला चलती है। उदयपुर से जुड़ा अरावली का यह हिस्सा बहुत खूबसूरत है। अरावली पर्वत श्रंखला उत्तर मे पड़ने वाली एक लंबी श्रंखला है जोकि दिल्ली मे रायसीना हिल्स से शुरू होकर हरियाणा, राजस्थान और गुजरात तक जाती है। इन हरे-भरे पहाड़ों को देख कर कोई नही कहेगा कि हम राजस्थान मे हैं।
लेखक के बारे में:
डॉक्टर कायनात काजी वैसे तो फोटोग्राफर, ट्रैवल राइटर और ब्लॉगर हैं, लेकिन खुद को वह सोलो फीमेल ट्रैवलर के रूप में ही पेश करती हैं। यायावरी उनका जुनून है और फोटोग्राफी उनका शौक। ब्लॉगिंग के लिए उन्हें देश के एक प्रतिष्ठित न्यूज चैनल द्वारा बेस्ट हिंदी ब्लॉगर का सम्मान भी दिया जा चुका है। हिंदी साहित्य में PHD कर चुकीं कायनात एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर हैं। कायनात राहगिरी (rahagiri.com) नाम से हिंदी का पहला ट्रैवल फोटोग्राफी ब्लॉग चलाती हैं।
आगे की स्लाइड में देखिए कुंभलगढ़ फेस्टिवल के नजारे-