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Hindi News भारत राष्ट्रीय कठुआ में 8 साल की बच्ची से दरिंदगी पर धर्म की जंग क्यों? 2 मंत्रियों ने भी दिया इस्तीफा

कठुआ में 8 साल की बच्ची से दरिंदगी पर धर्म की जंग क्यों? 2 मंत्रियों ने भी दिया इस्तीफा

दस जनवरी को जम्मू के कठुआ से बच्ची गायब हो गई और 17 जनवरी को उसका शव जंगल में मिला। पोस्टमॉर्टम हुआ तो पता चला कि लड़की के साथ कई दिनों तक गैंगरेप हुआ। उसे भूखा रखा गया और नशे की गोलियां खिलाई गयी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ये भी पता चला कि उसकी हत्या उसके दुपट्टे से गला घोंटकर की गयी।

Kathua gangrape: Supreme Court seeks material on strike by Jammu and Kashmir bar body- India TV Hindi कठुआ में 8 साल की बच्ची से दरिंदगी पर धर्म की जंग क्यों?  

नई दिल्ली: उन्नाव गैंगरेप में आरोपी विधायक को तो गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन कठुआ की 8 साल की बच्ची को इंसाफ मिलना बाकी है। 8 साल की बच्ची का यौन उत्तपीड़न और मर्डर केस में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। आठों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है।वहीं, इस मामले को लेकर जम्मू कश्मीर के दो मंत्रियों, लाल सिंह और चंद्र प्रकाश ने इस्तीफा दे दिया है। इस बीच मामले की गंभीरता को देखते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार हरकत में आई और सीएम महबूबा मुफ्ती ने मंत्रियों की आपात बैठक बुलाई। वहीं सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने जम्मू के वकीलों की उच्चतम न्यायालय में शिकायत की है। जम्मू के वकीलों ने चार्जशीट रोकने की कोशिश की थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केस से जुड़ी जानकारी मंगाई है। (कठुआ गैंगरेप: तो इसलिए 8 साल की बच्ची को छह लोगों ने बनाया हवस का शिकार)

जम्मू से लेकर बॉलीवुड तक 8 साल की बच्ची के लिए इंसाफ की आवाज उठ रही है। इस पर एक तरफ राजनीति हो रही है, आम लोगों से लेकर नेता तक सड़कों पर उतर आई हैं तो दूसरी तरफ बच्ची के साथ हुई वारदात को लेकर धर्म की जंग हो रही है। मासूम बच्ची का केस लड़ने वाली वकील को धमकाने तक का आरोप सामने आया है। मासूम बच्ची के साथ जो कुछ हुआ उसे सुनकर आपका कलेजा कांप जाएगा। घटना चार महीने पुरानी है लेकिन जांच के बाद अब जो चार्जशीट पेश की गई वो रौंगटे खड़ी करनी वाली है। (कठुआ बलात्कार मामला: पुलिस अधिकारी ने कहा था-पहले मैं रेप कर लूं, फिर हत्या करना)

दस जनवरी को जम्मू के कठुआ से बच्ची गायब हो गई और 17 जनवरी को उसका शव जंगल में मिला। पोस्टमॉर्टम हुआ तो पता चला कि लड़की के साथ कई दिनों तक गैंगरेप हुआ। उसे भूखा रखा गया और नशे की गोलियां खिलाई गयी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ये भी पता चला कि उसकी हत्या उसके दुपट्टे से गला घोंटकर की गयी। बाद में आरोपियों ने बच्ची के सिर को पत्थर से बुरी तरह कुचल दिया। जंगल में मासूम अपनी घोड़ों को चराने गई थी लेकिन कभी वापस नहीं आई।

इस फूल सी बच्ची के साथ इतनी हैवानियत की बात सामने आने के बाद लोगों में जबरदस्त गुस्सा है। इसे कम्युनल रंग भी दिया जा रहा है। जिस मासूम बच्ची की गैंगरेप के बाद बेदर्दी से हत्या हुई वो मुसलमान है और उसके कत्ल में पकड़े गए सभी आरोपी हिन्दू हैं इसलिए मामला कम्युनल हो गया है। जम्मू में आरोपियों के पक्ष में प्रदर्शन हो रहे हैं। सरकार ने इसकी जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी। क्राइम ब्रांच ने SIT बनाकर इस मामले की तफ्तीश शुरू की और 18 दिन में जांच पूरी करके चार्जशीट दाखिल कर दी।

आठ साल की मासूम बच्ची से गैंगरेप और मर्डर के मामले में कुल 8  आरोपी हैं और सभी आरोपियों को पुलिस अरेस्ट कर चुकी है। चार्जशीट के मुताबिक गैंगरेप और हत्या का मास्टरमाइंड रिटायर्ड अफसर है। उसने अपने बेटे विशाल और नाबालिग भतीजे के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। चार्जशीट के मुताबिक स्पेशल पुलिस ऑफिसरों, ASI और हेड कांस्टेबल ने पूरी वारदात में भूमिका निभाई। दोनों पुलिसवालों ने सुबूत नष्ट करने की कोशिश की।

चार्जशीट में स्पेशल पुलिस अधिकारी पर लड़की से रेप का भी आरोप दर्ज है। चार्जशीट के मुताबिक मुख्य आरोपी के नाबालिग भतीजे ने आठ साल की मासूम बच्ची को 10 जनवरी को पास के जंगल से किडनैप किया था। चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपियों ने बच्ची को एक मंदिर में रखा। यहीं पर आरोपियों ने बच्ची से कई बार रेप किया। बच्ची को आरोपियों ने नशीली दवाएं खिलाई और बाद में बच्ची की हत्या कर करके लाश जंगल में फेंक दी। क्राइम ब्रांच की  चार्जशीट को लेकर जम्मू में वकीलों ने हंगामा किया। भारी संख्या में वकील सड़कों पर उतर आए और चार्जशीट पर सवाल उठाए। इतना ही नहीं वकीलों ने बुधवार और गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में बंद बुलाया।

सिर्फ वकील ही नहीं बीजेपी के दो मंत्री लाल सिंह और प्रकाश चंदर गंगा ने पुलिस की कार्रवाई पर आपत्तिजनक बयान दिए थे। प्रकाश चंदर गंगा ने तो यहां तक कहा था कि किसी भी गिरफ्तारी करने से पहले सोचना होगा। आठ साल की बच्ची अब इस दुनिया में नहीं है। उसके परिवार के लोग अभी भी गमगीन हैं। परिवार बच्ची और उसके साथ हुई दरिंदगी को याद कर कांप जाता है। बच्ची के परिवारवालों को बच्ची के नाम पर हो रहे प्रदर्शनों से कोई मतलब नहीं हैं। उन्हें इससे भी कोई मतलब नहीं है कि कौन उनके सपोर्ट में है और कौन उनके खिलाफ वो सिर्फ इतना चाहते हैं कि इतनी छोटी बच्ची के साथ हैवानियत करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।

एक तरफ मासूम बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए आवाज उठ रही है तो दूसरी तरफ गैंगरेप और मर्डर के सभी आरोपी के पक्ष में भी आवाज उठ रही है। गांववालों को पुलिस की कहानी पर यकीन नहीं है। उनका कहना है कि इस मामले की CBI जांच हो। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि जो महिला वकील मासूम बच्ची का केस लड़ रही है, उसके लिए आवाज उठा रही है, आरोप है कि उसे रोका और धमकाया जा रहा है।

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