नई दिल्ली : कश्मीर में लश्कर और जैश के आतंकवादी अब स्टील बुलेट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। स्टील बुलेट्स यानी बंदूक की वो गोलियां जो बुलेट प्रूफ जैकेट और बख्तरबंद गाड़ी को भी भेद सकती है। ये बुलेट्स सिक्योरिटी फोर्सेस के साथ आर्मी और पुलिस की पेट्रोल पार्टी.को टारगेट करते हुए....भारी नुकसान पहुंचा सकती है। आज ये बात सीआरपीएफ के सीनियर अफसरों ने कनफर्म कर दी।
पता चला है कि 31 दिसंबर की रात पुलवामा के लेथपोरा में सीआरपीएफ के कैंप पर हमले के दौरान आतंकवादियों ने स्टील बुलेट्स का ही इस्तेमाल किया था। CRPF कैंप पर हमला करने वाले जैश के फिदायीन आतंकवादियों के पास यही ARMOUR PEIRCING AMMO यानी बुलेट प्रूफ जैकेट्स को भेदने वाली स्टील बुलेट्स थीं। जिनकी वजह से सीआरपीएफ को भारी नुकसान हुआ जवानों की शहादत हुई।
पुलवामा अटैक की साइट से जो गोलियां बरामद हुईं उसे सीआरपीएफ ने फॉरेंसिंक जांच के लिए भेजा है। लेकिन शुरुआती जानकारी से ही पता चल गया कि फिदायीन हमलावरों के पास जो गोलियां थीं वो अलग किस्म की थीं। इसी वजह से गेट के पास तैनात वो जवान भी आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हो गए जो बुलेट प्रूफ जैकेट पहने थे।
वैसे जिस वक्त लेथपोरा में एनकाउंटर चल रहा था तब वहां मौजूद सीआरपीएफ के डीजी ने भी इस बुलेट के बारे में बात की थी। आर आर भटनागर ने कहा था कि आतंकवादियों के पास ऐसी गोलियां थी...जिसकी वजह से उस जिप्सी को भी नुकसान हुआ था जो पूरी तरह बुलेट प्रूफ थी।
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