नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी वित्त पोषण के मामले में जांच से पता चला है कि कट्टरपंथी अलगाववादी नेताओं को विदेशों से धन प्राप्त हुआ और उन्होंने इसका इस्तेमाल अपने लिए संपत्ति खरीदने से लेकर अपने बच्चों को विदेशों में शिक्षा देने पर किया।
एजेंसी ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और संगठनों के कई शीर्ष नेताओं से पूछताछ की और दावा किया कि उन्होंने कश्मीर घाटी में लोगों के बीच अलगाववादी भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्तान से धन मिलने की बात स्वीकार की।
एनआईए ने रविवार को जारी विज्ञप्ति में कहा कि दुख्तरान ए मिल्लत की कुख्यात नेता आसिया अंद्राबी से मलेशिया में उसके बेटे की शिक्षा पर हुए खर्च के बारे में पूछताछ की गई तो पता चला कि यह खर्च जहूर वटाली उठाता था जिसे आतंकवादी वित्त पोषण के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इसने दावा किया, ‘‘जांच में आसिया अंद्राबी ने स्वीकार किया कि उसे विदेशी स्रोतों से धन और चंदा मिलता रहा है और दुख्तरान ए मिल्लत घाटी में मुस्लिम महिलाओं द्वारा प्रदर्शन का आयोजन करता है।’’
विज्ञप्ति में कहा गया है कि एनआईए ने आसिया के बेटे मोहम्मद बिन कासिम द्वारा विश्वविद्यालय में पढ़ने के दौरान कुछ बैंक खातों के इस्तेमाल के बारे में संबंधित अधिकारियों से साक्ष्य मुहैया कराने के लिए कहा गया है। एक अन्य कट्टरपंथी नेता शब्बीर शाह से भी उसके व्यवसाय के बारे में पूछताछ की गई जो कथित तौर पर पाकिस्तान से प्राप्त धन से संचालित होता था और इसमें पहलगाम में उसके होटल का व्यवसाय भी शामिल है।
एनआईए ने कहा, ‘‘हिरासत में पूछताछ के दौरान शाह से पाकिस्तान स्थित एजेंटों एवं एपीएचसी (ऑल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस) के प्रतिनिधियों द्वारा धन भेजने के बारे में पूछा गया। उससे पहलगाम में विभिन्न होटलों और व्यवसाय, जम्मू, श्रीनगर और अनंतनाग में सपत्तियों के बारे में भी पूछताछ की गई।’’
एनआईए ने मई 2017 में जमात उद दावा, दुख्तरान ए मिल्लत, लश्कर ए तैयबा, हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादियों और राज्य में अन्य अलगाववादी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इनके खिलाफ अलगाववाद और आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने और कश्मीर घाटी में गड़बड़ी पैदा करने तथा भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का मामला दर्ज किया गया था।
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