नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से संविधान की धारा 370 हटाए जाने का कश्मीर से बाहर रह रहे कश्मीरी पंडितों ने स्वागत किया है। इंडिया टीवी से बात करते हुए कश्मीरी पंडितों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाया जाना उनके लिए कश्मीर में वापसी का पहला कदम है। 1990 में कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया गया था, तब से लेकर अबतक लाखों कश्मीरी पंडित अपने घरों से दूर रह रहे हैं।
कश्मीरी पंडितों की घर वापसी के लिए दिल्ली में अभियान चला रही संस्था ‘रूट्स इन कश्मीर’ के संयोजक और कश्मीरी पंडित अनूप बट्ट ने बताया कि कश्मीरी पंडित लंबे समय से केंद्र सरकार से धारा 370 हटाए जाने की मांग कर रहे थे, लंबे समय के बाद उनकी मांग पूरी हुई है और उनके लिए कश्मीर वापसी की एक उम्मीद जगी है। उन्होंने बताया कि धारा 370 हटाया जाना कश्मीर में उनकी वापसी की तरफ पहला कदम है। अनूप बट्ट ने 1990 में उस समय स्कूल जाना शुरू किया था जब उनको परिवार सहित कश्मीर से बाहर जाने के लिए मजबूर कर दिया गया था।
दिल्ली में रह रहे एक अन्य कश्मीरी पंडित अरविंद बट्ट ने बताया कि धारा 370 हटाया जाना एक ऐतिहासिक फैसला है, उन्होंने कहा कि आज पहली बार ऐसा लग रहा है कि केंद्र में कोई सरकार कश्मीरी पंडितों के बारे में सोच रही है। अरविंद बट्ट ने बताया कि सरकार के इस फैसले से उन सभी कश्मीरी पंडितों को न्याय की उम्मीद जगी है जिनके ऊपर 1990 में अत्याचार हुए हैं।
सोमवार को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर सें सविधान की धारा 370 खत्म किए जाने का फैसला किया है। इसके अलावा सरकार ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित राज्य बनाने का भी फैसला किया है और लद्दाख को अलग करके अलग केंद्र शासित राज्य बनाने का फैसला हुआ है।
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