श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर शहर में दो दिन पहले एक लोकल कश्मीरी मुस्लिम सेल्समैन की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। आतंकियों ने इस हत्या को पुराने श्रीनगर में एक किराने की दुकान के बाहर अंजाम दिया। इस दुकान के मालिक एक कश्मीरी पंडित है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक, कश्मीरी पंडित दुकानदार को सोमवार को ही स्थानीय पुलिस ने उनपर होने वाले संभावित हमले के बारे में आगाह किया था और दुकान छोड़ने की सलाह दी।
दुकान के मालिक संदीप मावा ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि उनके सेल्समैन मोहम्मद इब्राहिम खान की हत्या शाम को 8 बजे के करीब हुई। इस हत्या की वजह गलतफहमी भी हो सकती है। उन्होंने बताया, "दिन में स्थानीय पुलिस ने मुझे बुलाया और बताया कि उनके पास एरिया में हमला होने के इनपुट हैं। उन्होंने मुझे सलाह दी कि मैं घर चला जाऊं। उनकी चेतावनी के बाद, मैं दिन में ही दुकान छोड़ कर चला गया।"
संदीप ने बताया, "सामान्य तौर पर हमारी दुकान हर रोज शाम को 7 से 7.30 तक खुली रहती है। कल (सोमवार) को ग्राहकों की ज्यादा भीड़ थी और इसी वजह से सेल्समैन इब्राहिम 8 बजे तक दुकान पर ही था। मैंने शाम को उसे कॉल कर कहा कि देर हो रही है जल्दी दुकान बंद कर दो।"
दुकान के मालिक संदीप मावा के अनुसार, सेल्समैन इब्राहिम दुकान बंद करने के बाद जैसे ही घर जाने के लिए कार (संदीप की कार) में बैठे, तभी आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी। इब्राहिम की अस्पताल में मौत हो गई। उन्होंने कहा, "आतंकियों ने गलती से इब्राहिम को मुझे समझा। वे अंधेरे में इंतजार कर रहे थे और जब वह कार में चढ़ा तो उन्होंने उस पर गोलियां चला दीं।"
जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि संदीप मावा को संभावित हमले के बारे में पहले ही अलर्ट कर दिया गया था और दुकान के मालिक को दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSOs) उपलब्ध करवाए गए थे। संदीप ने बताया कि उन्हें दो PSOs करीब 1.5 महीने पहले अलॉट किए गए थे। आपको बता दें कि श्रीनगर के बोहरी कादल इलाके में संदीप के पिता रोशन लाल मावा ने साल 2019 में कश्मीर वापसी के बाद दोबारा किराने की दुकान खोली थी। वो 1990 में आतंकवाद के चरम पर होने की वजह से कश्मीर घाटी छोड़कर चले गए थे।
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