नई दिल्ली। चीन द्वारा J&K और लद्दाख केन्द्र शासित प्रदेशों का गठन पर दिए गए बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। गुरुवार को एमईए के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि चीन का जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बड़े इलाके पर कब्जा कायम है। चीन को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी देने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है, हम अन्य देशों से भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की उम्मीद करते हैं।
चीन की तरफ से आया था ये बयान
चीन ने जम्मू कश्मीर को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने के कदम पर बृहस्पतिवार को आपत्ति जतायी और इसे ‘‘गैर कानूनी और अमान्य’’ बताया। चीन ने कहा कि अपने प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र में चीन के कुछ क्षेत्र को ‘‘शामिल’’ करने संबंधी भारत के फैसले ने बीजिंग की संप्रभुता को ‘‘चुनौती’’ दी है।
भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का पांच अगस्त को निर्णय लिया था। इसी निर्णय के अनुसार बृहस्पतिवार को जम्मू कश्मीर का दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बंटवारा हो गया।
चीन ने इससे पूर्व अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने और लद्दाख के केन्द्र शासित प्रदेश के रूप में गठन को लेकर आपत्ति जतायी थी और कहा था कि इसमें कुछ चीनी क्षेत्र भी शामिल हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने बृहस्पतिवार को यहां मीडिया से कहा, ‘‘भारतीय सरकार ने तथाकथित जम्मू कश्मीर और लद्दाख केन्द्र शासित प्रदेशों के गठन की आधिकारिक रूप से घोषणा कर दी है जिसमें उसके प्रशासनिक क्षेत्र में चीनी क्षेत्र का कुछ हिस्सा भी शामिल है।’’
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