नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार को चीन की कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश को ठुकरा दिया है। चीन ने कश्मीर मुद्दे पर सृजनात्मक भूमिका निभाने की चाहत जताई थी। भारत ने कश्मीर मामले में किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से साफ इनकार कर दिया। भारत का कहना है कि वह पाकिस्तान मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए तैयार है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा, ‘हमारा पक्ष बिल्कुल स्पष्ट है। आप जानते ही हैं कि इस विवाद का मुख्य मुद्दा एक खास देश द्वारा सीमा-पार आतकंवाद को बढ़ावा दिया जाना है, जिसकी वजह से देश, क्षेत्र और पूरी दुनिया को खतरा है। हम कश्मीर मुद्दे पर द्विपक्षीय रूपरेखा के तहत पाकिस्तान के साथ बातचीत को तैयार हैं।’ उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले बुधवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि चीन, कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध सुधारने के लिए रचनात्मक भूमिका निभाने को तैयार है।
जम्मू एवं कश्मीर में सोमवार को अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद प्रतिक्रिया में चीन ने कहा था कि कश्मीर की परिस्थितियों ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पर चिंता जताते हुए गेंग ने कहा था, 'कश्मीर में एलओसी के पास हो रहे संघर्ष से न सिर्फ दोनों देशों में शांति और स्थायित्व को नुकसान पहुंचेगा बल्कि पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता को नुकसान होगा।' चीन की इन्हीं टिप्पणियों पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए बागले ने कहा, ‘हम पाकिस्तान के साथ कश्मीर पर बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता हमें स्वीकार नहीं है।’
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