नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय द्वारा जम्मू-कश्मीर के मामले पर संवैधानिक पीठ बनाकर सुनवाई को अक्टूबर के पहले सप्ताह तक स्थगित किए जाने को लेकर कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि न्यायपालिका संवेदनशील विषयों पर विचार करने की बजाय उन्हें आगे की ओर खिसका रही है जिससे विलंब हो रहा है और ऐसे में दुनियाभर में भारत की आलोचना होती है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ''एक नहीं, कई बार देखा गया है कि देश की न्यायपालिका संवेदनशील विषयों पर भी गौर फरमाने और निर्णय लेने की जगह उनको आगे की तरफ खिसका रही हैं। जिसमें ना ही इंकार होता है, ना ही कार्यवाही होती है। उसमें निरंतर देरी होती है।''
उन्होंने कहा, '' कई ऐसे मसले हैं, जिनमें देरी करने से विश्व में प्रश्नचिन्ह उठते हैं, भारत की आलोचना हो जाती है और देश के नागरिक, जिनके मौलिक अधिकार का सवाल है, वे भी निराश हो रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ''मेरा सीधा इशारा है यह है कि जम्मू-कश्मीर के विषय में एक संवैधानिक पीठ का तो गठन कर दिया गया, पर अभी सुनवाई नहीं हुई। हमारी व्यवस्था के प्रति लोगों विश्वास टूट रहा है। इससे भारत के प्रजातंत्र को बहुत गहरी चोट पहुंचेगी। ये व्यक्ति या व्यक्तियों का विषय नहीं है, भारत के संवैधानिक प्रजातंत्र पर एक बहुत बड़ी चुनौती है।''
दरअसल, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रमुख प्रावधान हटाए जाने और उसको लेकर लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने पिछले दिनों केन्द्र और जम्मू कश्मीर सरकार को नोटिस भेजा है। न्यायालय ने यह फैसला भी किया है कि इस मामले पर पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ अक्टूबर के पहले हफ्ते में सुनवाई करेगी।
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