चंडीगढ़: पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने सीमा पार स्थित करतारपुर साहिब गुरूद्वारा के लिए एक कॉरीडोर के शिलान्यास समारोह में शामिल होने का पाकिस्तान का न्योता रविवार को स्वीकार कर लिया। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल हमारे दिलो-दिमाग में बन चुकी सरहद को खत्म कर देगी। डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब गलियारा का भारत की सरजमीं में आधारशिला उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह सोमवार को रखेंगे।
मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान में होने वाले समारोह में शामिल होने से इनकार करते हुए इस बात का जिक्र किया कि वह उनके राज्य में लगातार आतंकी हरकतों का समर्थन कर रहा है और पाकिस्तानी सैनिक भारतीय सैनिकों की हत्या कर रहे हैं। बहरहाल, सिंह ने इस ऐतिहासिक अवसर का स्वागत किया और इसे दुनिया भर के सिखों की हार्दिक इच्छा बताया, लेकिन कहा कि इसमें उपस्थित नहीं हो पाने के लिए उन्हें अफसोस है। इस बीच, सिद्धू ने रविवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को पत्र लिख कर शिलान्यास समारोह के लिए उनका न्योता स्वीकार कर लिया। वहां, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी उपस्थित होंगे।
सिद्धू ने कुरैशी को लिखा, ‘‘बड़े ही सम्मान और अपार हर्ष के साथ मैं 28 नवंबर को करतारपुर साहिब में शिलान्यास समारोह में शामिल होने का आपका न्योता स्वीकार करता हूं। इस मौके पर मैं आपसे मिलने की आशा करता हूं।’’ सिद्धू ने 24 नवंबर को उन्हें लिखे गए कुरैशी के पत्र के जवाब में यह कहा है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने अपने पत्र में कहा था, ‘‘यह सिख समुदाय, खासतौर पर भारत के सिखों की लंबे समय से लंबित मांग है।’’स्थानीय शासन, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने लिखा है कि समारोह में शरीक होने के लिए उनका आवेदन अब विदेश मंत्रालय के पास है। पत्र में सिद्धू ने कहा है कि यह दिन ऐतिहासिक होगा।
उन्होंने कहा कि यह पहल हमारे दिलो-दिमाग में बन चुकी सरहद को खत्म कर देगी। उन्होंने कहा कि हमारे लोग इस यात्रा के जरिए भारत और पाकिस्तान के लिए साझा शांति एवं समृद्धि के भविष्य की ओर बढ़ेंगे। इसके अलावा सिद्धू ने अपने राज्य के गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक से पड़ोसी देश स्थित करतारपुर साहिब तक गलियारा विकसित करने के भारत सरकार के फैसले का स्वागत किया है। यह फैसला गुरू नानक देव की 549 वीं जयंती के अवसर पर शुक्रवार को लिया गया। उल्लेखनीय है कि इस्लामाबाद का दौरा करने और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को गले लगाने को लेकर अगस्त में सिद्धू को विपक्षी पार्टियों की आलोचना का सामना करना पड़ा था। वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथग्रहण समारोह में वहां गए थे।
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