बेंगलुरू: कर्नाटक सरकार ने प्रति किसान 50,000 रुपये तक का कर्ज माफ किये जाने की आज घोषणा की। इससे सरकारी खजाने पर 8,165 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। विधानसभा में घोषित इस कदम से उन 22,27,506 किसानों को लाभ होगा जिन्होंने सहकारी बैंकों से कर्ज लिया है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, किसान संकट में है। वे कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं। हमें किसानों को जवाब देना है। हालांकि इससे राज्य के विकास पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के हित में सरकार ने 22,27,506 किसानों के पक्ष में आगे आने का निर्णय किया है। इसके तहत कल तक सहकारी बैंकों से लिये गये प्रत्येक किसानों का 50,000-50,0000 रुपये तक का अल्पकालीन कर्ज या फसल कर्ज को माफ किया जाएगा।
राज्य में कुल 22,27,506 किसानों ने सहकारी बैंकों से 10,736 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। सिद्धरमैया ने यह भी कहा कि केंद्र को राष्ट्रीयकृत और ग्रामीण बैंकों से लिये गये किसानों के कर्ज को माफ करने के लिये आगे आना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों ने जो कर्ज लिया है, उसमें सहकारी बैंकों का हिस्सा केवल 20 प्रतिशत है जबकि 80 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण, राष्ट्रीयकृत और अन्य बैंकों का है जो केंद्र सरकार के दायरे में आता है।
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