नई दिल्ली: कर्नाटक में सत्ता के लिए सियासी 'नाटक' जारी है। तमाम बयानबाजी और नाटकीय घटनाक्रम से होते हुए यहां की सियासत विधायकों की घेराबंदी पर आ टिकी है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने बेंगलुरू में कांग्रेस विधायक दल (CLP) बैठक बुलाई है, जिसमें सभी विधायकों से शामिल होने के लिए कहा गया है। बता दें कि अपने विधायकों को सेफ रखने की कवायद में जुटी कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी विधायकों को बेंगलुरु के पास ईगलटन रिसॉर्ट में रखा हुआ है।
विधायकों की आपस में नहीं बन रही!
कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम ने उस वक्त अजीबोगरीब मोड़ ले लिया जब कांग्रेस के विधायक जे एन गणेश की झड़प अपनी ही पार्टी के विधायक आनंद सिंह से हो गई। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी के दोनों विधायकों के बीच झड़प की घटना शनिवार की रात है। उन्होंने कहा कि बल्लारी जिले के कम्पली विधानसभा क्षेत्र से विधायक जे एन गणेश के साथ हुई झड़प के बाद इसी जिले के होसपेट से विधायक आनंद सिंह को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
रिसॉर्ट में क्यों है कांग्रेस विधायक?
कर्नाटक में भाजपा पर गठबंधन सरकार का कथित तौर पर तख्तापलट करने की कोशिशों का आरोप लगा है। ऐसे में कांग्रेस अपने विधायकों को सेफ रखने की कवायद में जुटी हुई है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा उनके विधायकों को प्रलोभन देकर तोड़ना चाहती है। इसीलिए, कांग्रेस अपने विधायकों को सेफ रखने और उनसे पहले ही बातचीत करके मामले में अपनी स्थिति को पुख्ता करना चाहती है।
कांग्रेस के चार विधायकों के खिलाफ
कांग्रेस ने अपने 4 विधायकों को कारण बताओ नोटिस भी भेजा है। दरअसल, ये विधायक शुक्रवार को हुई विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। जिसके चलते कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार पर संकट और बढ़ गया था। लेकिन, आपको बता दें कि चार विधायकों के होने या ना होने से सीधे तौर पर कर्नाटक सरकार को कोई खतरा नहीं है लेकिन इनके बगावती सुर में अगर कुछ और विधायकों के सुर मिले तो सरकार को जरूर खतरा हो सकता है।
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