बारिश के लिए मंदिरों में पूजा कर रहे हैं कर्नाटक के मंत्री
कर्नाटक में बादलों ने बरसना क्या बंद किया, राज्य की सरकार भगवान की शरण में पहुंच गई। राज्य सरकार के अधीन आने वाले कई बड़े मंदिरों में अच्छी बारिश की कामना करते हुए खास पूजा और हवन किये जा रहे हैं
बेंगलुरू। कर्नाटक में बादलों ने बरसना क्या बंद किया, राज्य की सरकार भगवान की शरण में पहुंच गई। राज्य सरकार के अधीन आने वाले कई बड़े मंदिरों में अच्छी बारिश की कामना करते हुए खास पूजा और हवन किये जा रहे हैं। भारतीय संस्कृति में बारिश के देवता के आह्वान के लिए प्रजन्य जाप का बहुत महत्व है, और इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने भगवान को खुश करने की कवायद शुरू कर दी, ताकि सूखे की मार झेल रहे राज्य के अधिकांश जिलों को राहत मिल जाये।
राज्य में मंदिरों की संख्या काफी ज्यादा है इसीलिए इन मंदिरों की देखभाल के लिए सरकार ने एक अलग विभाग बनाया है जिसे मुजरई विभाग कहा जाता है, राज्य में इसका अलग से मंत्रालय भी है, पिछले सप्ताह ही मुजरई विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि विभाग के अंतर्गत आने वाले मंदिरों में मानसून के दौरान राज्य में अच्छी बारिश की कामना के लिए 6 जून को विशेष पूजा की जाए, और इसके लिए 10001 रुपये तक की अधिकतम राशि खर्च की जा सकती है, मुजरई विभाग के इस सर्कुलर में ये भी कहा गया है कि बारिश की कमी के कारण राज्य के लोग और वन्यजीव पीने के पानी की कमी से जूझ रहे हैं, राज्य की समृद्धि के लिए और यहाँ उगाई जाने वाली फसलों की अच्छी पैदावार के लिए मुजराई विभाग के तहत आने वाले सभी मंदिरों में विशेष पूजा एवं प्रार्थना की जाए। इसके तहत 6 जून को सभी मंदिरों में प्रजन्य जाप और विशेष प्रार्थना होगी ताकि राज्य में अच्छी बारिश हो और सूखा संकट दूर हो। सर्कुलर में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि 6जून को सुबह-सुबह यानी ब्रम्ह मुहूर्त में पूजा शुरू की जाए।
इसी बात को अमल में लाते हुए मुजरई मंत्री पीटी परमेश्वर नायक और जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार गुरुवार सुबह चिकमंगलूर जिले के श्रृंगेरी तालुक के किग्गा में मौजूद प्रसिद्ध शिव मंदिर पहुँच गए और बारिश के लिए इस खास पूजा में हिस्सा लिया। मंदिर के 40 पुजारियों ने सुबह साढ़े पाँच बजे से ये खास पूजा शुरू की और 108 बार प्रजन्य जाप का उच्चारण किया गया, ऐसा ही नजारा राज्य के दूसरे मंदिरों में भी देखने को मिला जहाँ वरुण देव को प्रसन्न करने के लिए इस पूजा को करने के निर्देश दिए गए थे।
कर्नाटक के अधिकांश जिले सूखे की चपेट में हैं, उत्तर कर्नाटक के सभी जिलों में गर्मी चरम पर है और जल संकट की गंभीर स्थिति से हजारों गांव जूझ रहे हैं। मानसून की मायूसी ने राज्य के कई इलाकों में पानी का संकट खड़ा कर दिया है। राज्य के सभी छोटे-बड़े जलाशयों में सिर्फ पेयजल उपयोग के लिए पानी शेष बचा है। इस कारण गर्मी के दिनों में सिंचाई आधारित फसलें या तो सूख चुकी हैं या फिर उनमें पर्याप्त वृद्धि नहीं है।
मौसम विभाग पहले ही ये साफ कर चुका है कि इस बार दक्षिण-पश्चिमी मानसून एक सप्ताह की देरी से आ रहा है, ऐसे में सरकार और कर्नाटक की जनता को भरोसा है कि ऊपर वाला ही उन्हें इस मुश्किल से छुटकारा दिला सकता है।