नयी दिल्ली: पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि करगिल विजय भारत के पराक्रम का प्रतीक थी और देश के प्रति सशस्त्र बलों की समर्पण भावना के साथ राष्ट्र की सुरक्षा अभेद्य रहेगी। करगिल युद्ध के 20 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि कुछ देश आतंकवाद को फैलाने के लिए छद्म युद्ध का सहारा ले रहे है। मोदी ने कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सैन्यकर्मियों और भूतपूर्व सैनिकों की मौजूदगी में कहा, ‘‘करगिल की जीत भारत के पराक्रम, दृढ़ संकल्प और क्षमता का प्रतीक थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘युद्ध सरकारों द्वारा नहीं बल्कि पूरे देश द्वारा लड़े जाते हैं, करगिल की जीत आज भी पूरे देश को प्रेरणा देती है।
करगिल हर भारतीय की जीत थी।’’ मोदी ने कहा कि पाकिस्तान ने करगिल में दुस्साहस करके 1999 में सीमाओं को फिर से खींचने का प्रयास किया था लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने उनके नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘युद्ध के चरम पर होने के दौरान मैं करगिल गया था और यह मेरे लिए तीर्थयात्रा जैसा था।’’ मोदी ने कहा कि देश की सुरक्षा अभेद्य है और यह ऐसी ही बनी रहेगी।
सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण पर प्रधानमंत्री ने कहा कि समय आ गया है कि हमारी सेना, नौसेना और वायुसेना अपने उच्चतम शिखर को प्राप्त करने का सामर्थ्य रखे और आधुनिक बने, यह हमारा प्रयास है। उन्होंने कहा, ‘‘देश सुरक्षित होगा तभी विकास संभव है। देश की सुरक्षा की बात जब आती है तो हम किसी दबाव में नहीं आयेंगे।’’ उन्होंने कहा कि रक्षा बलों का आधुनिकीकरण उनकी सरकार की एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।
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