देहरादून. क्या कोरोना महामारी की वजह से होने वाली प्रसिद्ध कांवड यात्रा इस बार भी पिछली बार की तरह कैंसिल कर दी जाएगी या फिर इस बार एहतियात के साथ उत्तराखंड इस यात्रा को परमिशन दे देगा, ये सभी जानना चाहते हैं। उत्तराखंड के नए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस यात्रा को लेकर मीडिया से बातचीत में अहम जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि कांवड यात्रा सिर्फ उत्तराखंड में नहीं होती है, ये यूपी, हरियाणा, मध्य प्रदेश और दिल्ली से भी जुड़ी है। इन राज्यों के साथ बातचीत के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने मुख्य सचिव एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारियों के साथ कल देर शाम एक बैठक में पड़ोसी राज्यों के साथ इस संबंध में व्यापक विचार-विमर्श कर सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए समुचित निर्णय लेने के निर्देश दिए।
हाल में पुलिस अधिकारियों की अंतरराज्यीय समन्वय बैठक में भी यह राय बनी थी कि संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए फिलहाल कांवड़ यात्रा को स्थगित रखना चाहिए। बैठक में यह भी सुझाव दिया गया कि अगर यात्रा स्थगित होती है तो राज्य पुलिस की अनुमति से पड़ोसी राज्य टैंकरों में गंगा जल भरकर ले जा सकते हैं।
हर साल, जुलाई में श्रावण का महीना आते ही कांवड़ यात्रा शुरू हो जाती है, जो अगस्त की शुरूआत तक चलती है और इस एक पखवाड़े के दौरान उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों से लाखों शिव भक्त गंगा जल लेने के लिए हरिद्वार आते हैं। गंगा जल से वह अपने गांवों और घरों में शिव मंदिरों में 'जलाभिषेक' करते हैं।
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