देहरादून। श्रावण मास में कांवड़ यात्रा की योजना बनाने वालों को अगले साल के लिए इंतजार करना होगा। उत्तराखंड सरकार ने इस साल भी कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया है। कोरोना को देखते हुए लगातार दूसरे साल कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला किया गया है। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि इस साल भी कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला किया गया है और इसको लेकर आधिकारिक आदेश एक-दो दिन में जारी हो जाएगा।
लगभग 10-15 दिन तक चलने वाली कांवड़ यात्रा का इस साल 25 जुलाई से शुरू होनी थी और 6 अगस्त तक चलनी थी लेकिन कोरोना महामारी के संक्रमण का खतरा देखते हुए राज्य सरकार ने इसे रद्द करने का फैसला किया है। पिछले साल भी जब देश में कोरोना की पहली लहर थी और लॉकडाउन लगाया गया था तो भी कांवड़ यात्रा को रद्द किया गया था।
कांवड़ यात्रा के दौरान भगवान शिव के भक्त उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, राजस्थान और देश के कई और राज्यों से कांवड़ लेकर हरिद्वार पहुंचते हैं और फिर हरिद्वार से कांवड़ भरकर वापस अपने घरों की तरफ निकलते हैं, अधिकतर श्रद्धालू पैदल यात्रा करते हैं।
उधर, उत्तराखंड में चार धाम यात्रा को लेकर अभी कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को इस यात्रा पर 7 जुलाई तक रोक लगाने की बात कही थी लेकिन उच्च न्यायाल के कथन के बावजूद उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं, जिसमें कहा गया है कि यात्रा 1 जुलाई से शुरू होगी। उच्च न्यायालय की रोक के बावजूद ऐसी गाइडलाइंस क्यों जारी की गई हैं, यह फिलहाल साफ नहीं है।
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