नई दिल्ली: अभी संजय लीला भंसाली की फिल्लम पद्मावत पर विवाद खत्म भी नहीं हुआ है कि एक नया विवाद कंगना रनौत की फिल्म 'मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी' पर खड़ा हो गया है। विवाद झांसी की रानी पर लिखी किताब को लेकर शुरू हो गया है। इस किताब में झांसी की रानी को लेकर की गई टिप्पणी पर विवाद गहरा गया है। दरअसल, इस किताब में ईस्ट इंडिया कंपनी के एक राजनीतिक एजेंट से झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बीच कथित प्रेम संबधों का जिक्र किया गया है।
जयश्री ने किताब में दोनों की प्रेम कहानी को लेकर लिखा है कि लक्ष्मीबाई के साथ बढ़ती दोस्ती के चलते उस राजनीतिक एजेंट की शिकायत ईस्ट इंडिया कंपनी तक पहुंची। अंग्रेजों ने उसको लक्ष्मीबाई के साथ दोस्ती के लिए डांटा जिसके कारण उसको इस्तीफा तक देना पड़ा। वहां से इस्तीफा देने के बाद वह रानी लक्ष्मीबाई के दरबार में आए। लक्ष्मीबाई को जब उस राजनीतिक एजेंट के जाने का पता चला तो वह खूब रोईं।
उस किताब का नाम है 'रानी' और लेखिका हैं जयश्री मिश्रा। हालांकि उन्होंने यह साफ किया है कि उनकी किताब एक ऐतिहासिक फिक्शन और प्रेम कथा है, जिससे भारतीय लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं। यूं तो यह किताब करीब 10 साल पहले लिखी गई थी, लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया पर इसको लेकर खासी चर्चा है।
बता दें कि इस किताब को उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती की सरकार ने साल 2008 में बैन लगा दिया गया था, लेकिन यह किताब ऑनलाइन उपलब्ध है। इस किताब की लेखिका जयश्री मिश्रा यूके में रह रही है, जिन्होंने इस किताब को हिस्टॉरिकल फिक्शन का रूप दिया था। इस किताब के पेज नंबर 212 पर ये विवादित कथन लिखा हुआ है।
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