कमलनाथ सरकार ने दी शराब दुकान मालिकों को अहाता खोलने की मंजूरी, शिवराज सिंह ने कहा- प्रदेश को नशे में डुबाने की तैयारी
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार ने शराब दुकानों के साथ मैखाना खोलने की मंजूरी दी है। प्रदेश सरकार दरअसल अपनी माली हालत सुधारने के लिए अंग्रेजी शराब की दुकानों में बैठ कर शराब पीने की व्यवस्था के लिए आहता खोलने की अनुमति दे रही है।
भोपाल: मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार ने शराब दुकानों के साथ मैखाना खोलने की मंजूरी दी है। प्रदेश सरकार दरअसल अपनी माली हालत सुधारने के लिए अंग्रेजी शराब की दुकानों में बैठ कर शराब पीने की व्यवस्था के लिए आहता खोलने की अनुमति दे रही है। भाजपा सरकार के इस फैसले का खुलकर विरोध कर रही है। बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक कमलनाथ सरकार मध्य प्रदेश को शराब में डुबाना चाहती है।
कमलनाथ सरकार के इस कदम के बाद अब प्रदेश में कोई भी अंग्रेजी शराब का ठेकेदार ठेके की राशि का 5 प्रतिशत अतिरिक्त जमा करके दुकान के साथ में अहाता खोल सकेगा। प्रदेश में लगभग 12 सौ अंग्रेजी शराब दुकाने हैं, इसमें से तकरीबन दो सौ दुकानों में ही अभी अहाते की व्यवस्था मिली हुई है। सरकार की आबकारी मंत्री की माने तो शराब दुकानों के पास आहता खुले देने की परमिशन के बाद सरकार को जहां 500 करोड़ों का राजस्व मिलेगा। वही आहता खुलने की परमिशन देने की वजह है लोग वाइन शॉप्स के बाहर खुले में शराब पीते हैं जिससे वहां से गुजरने वाले लोगों को परेशानी होती है।
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में लगभग अभी 6 सौ से ज्यादा अवैध अहाते चल रहे है। जिसके चलते प्रदेश सरकार को हर साल 200 करोड़ से राजस्व का नुकसान होता है। ये अहाते अधिकारियों और शराब कारोबारियों की सांठगांठ से चल रहे हैं। वहीं शराब की दुकान के आस-पास सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के शराब पीने से अपराध बढऩे के मामले भी सामने आए थे। इसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। लेकिन सरकार ने नए अहाते खोले जाने के साथ कुछ शर्तें भी रखी हैं।
यह होगी फीस-
- 2 करोड़ तक के वार्षिक मूल्य वाली शराब दुकान मालिक के आहते के लाइसेंस के लिए कूल मूल्य का 5 फीसदी फीस।
- 2 से 5 करोड़ के वार्षिक मूल्य वाली शराब दुकान मालिक को आहते के लाइसेंस के लिए 3 फीसदी।
- 5 करोड़ से ऊपर के लिए 2 फीसदी अतिरिक्त फीस देकर अंग्रेजी शराब के ठेकेदार अपनी दुकान के साथ अहाता खोल सकेंगे।
सरकार के इस आदेश के बाद अब करीब 1000 अंग्रेज़ी वाइन शॉप्स के बाहर अहाता खुलने का रास्ता साफ हो गया है। वहीं ऐसी वाइन शॉप्स जहां सिर्फ देसी शराब मिलती है वहां भी अहाते खुल सकेंगे। इसके साथ ही अब मध्यप्रदेश की सभी वाइन शॉप्स 'ऑफ शॉप' की जगह 'ऑन शॉप' कहलाएगी जिसके लिए 'शॉप बार लाइसेंस' जारी किए जाएंगे।
कमलनाथ सरकार के इस फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुलकर सामने आ गए हैं उनके मुताबिक उनकी सरकार ने नशा मुक्ति अभियान चलाया था नई शराब की दुकानों को परमिशन नहीं दी थी लेकिन यह सरकार प्रदेश को शराब के नशे में डुबाने की तैयारी में है हम इसका विरोध करेंगे। मध्यप्रदेश के पूर्वा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश को नशा मुक्त बने इसके लिए नशा मुक्ति अभियान सरकार ने हमारे समय में पूरी गंभीरता से चलाया था और रणनीति हमने यह बनाई थी कि शराब की दुकानों को धीरे-धीरे हम काम करेंगे। हमने शराब की दुकानें कई वर्षों तक नहीं खोलने की घोषणा भी की थी लेकिन यह सरकार शराब की दुकानों के साथ अहाते खोलेगी और वो भी इसलिए क्योंकि पैसे प्राप्त करना है।
उन्होनें कहा कि मध्यप्रदेश को मदिरा में डुबोने की तैयारी हो रही है बाहर जो पीने वाले हैं वह पीने के बाद सड़क पर निकलेंगे और निकलने के बाद फिर कौन क्या क्या करेगा इसका कोई ठिकाना नहीं है। महिलाओं और बेटियों के प्रति अपराध में शराब और नशा एक बड़ा कारण है। उन्होनें कहा कि हमको ऐसी स्थितियां नहीं बनानी चाहिए कि पिए और निकले और उसके बाद फिर ऐसी परिस्थितियां पैदा करें जिसमें अपराध हो माताओं बहनों का जीवन असुरक्षित हो जाए।
मेरे समय भी यह प्रस्ताव आया था लेकिन मैंने नहीं खुलने दिया और सख्ती से मना कर दिया। मैने कहा था कि जो पहले से खुले थे उन्हें हम बनाएंगे नहीं और इन्हें भी बंद करने की तैयारी करेंगे। अब बजाए उसके हम आते खोल देंगे वहां बैठ कर पिए और पीने के बाद निकलने के बाद क्या करेंगे। शिवराज ने कहा कि मैं अपील करता हूं इस तरह के अहाते ना खोले जाएं हमारे लिए कानून और व्यवस्था की स्थिति सर्वोपरि है और विशेषकर मां बहन और बेटी का मान और सम्मान को ठेस पहुंचती है और ऐसी घटनाएं होती हैं तो नशे में होती है।
दरअसल केंद्र सरकार से बाढ़ पीड़ितों को पर्याप्त धनराशि नहीं मिलने के बाद हाल ही में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने के लिए समीक्षा बैठक की थी। इस समीक्षा में सामने आया था कि सरकार पेट्रोल-डीजल और आबकारी के माध्यम से ही राजस्व बढ़ा सकती है। पेट्रोल-डीजल पर 5 फीसदी वेट टेक्स के बाद अब सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए अहातों को मंजूरी देने का निर्णय लिया है।