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Hindi News भारत राष्ट्रीय पाकिस्तान की 'कैद' से आजाद हुआ एकमात्र एशियन हाथी, 35 साल से रह रहा था अकेला

पाकिस्तान की 'कैद' से आजाद हुआ एकमात्र एशियन हाथी, 35 साल से रह रहा था अकेला

दुनिया का सबसे अकेला हाथी कावन आखिरकार पाकिस्तान की कैद से आजाद हो गया है। हाथी मेरे साथी फिल्म देखने के दौरान जनरल जिया की बेटी को हाथियों से स्नेह हो गया था जिसके बाद यह श्रीलंका द्वारा पाकिस्तान को गिफ्ट किया गया था।

Kaavan elephant- India TV Hindi Image Source : TWITTER Kaavan elephant

नई दिल्ली: दुनिया का सबसे अकेला हाथी कावन आखिरकार पाकिस्तान की कैद से आजाद हो गया है। हाथी मेरे साथी फिल्म देखने के दौरान जनरल जिया की बेटी को हाथियों से स्नेह हो गया था जिसके बाद यह श्रीलंका द्वारा पाकिस्तान को गिफ्ट किया गया था। 36 साल का ये हाथी कावन पाकिस्तान में एकमात्र एशियाई हाथी है और कई सालों से अकेला रह रहा था। अब वह एक ऐसे अभ्‍यारण्‍य में रहेगा जहां 600 अन्य हाथी रहते हैं।

बता दें कि अमेरिकी पॉप स्टार चेर के सालों के प्रचार और अभियान के बाद अब कावन सोमवार को एक कार्गो प्‍लेन से कंबोडिया पहुंचा। अब ये अपनी प्रजाति वाले जानवरों के साथ स्‍थानीय अभ्‍यारण्‍य में नई जिंदगी की शुरुआत करेगा। पशु अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों एवं कार्यकर्ताओं की सालों की मशक्कत के बाद इकलौते एशियाई हाथी कावन बेहतर स्थितियों के लिए पाकिस्तान के इस्लामाबाद के एक चिड़ियाघर से दूसरे जगह जाने वाला है।

चेर ने कावन का गर्मजोशी से स्वागत किया। कावन के वहां पहुंचने के बाद चेर ने कहा, 'मैं बहुत खुशी और गर्व महसूस कर रही हूं कि वह यहां आ गया है। वह यहां अपने साथियों के साथ वाकई में बहुत खुशी से रहेगा। डिप्‍टी एन्‍वायरंमेंट मिनिस्‍टर नेथ फिएक्‍ट्रा ने कहा, 'कावन का स्‍वागत करने में कंबोडिया को बहुत प्रसन्नता होगी. अब वह 'दुनिया का सबसे अकेला हाथी नहीं होगा, बल्कि उसके ढेर सारे साथी होंगे।'

Four Paws के नेतृत्व में दर्जनों वन्यजीव श्रमिकों और विशेषज्ञों ने रूसी निर्मित कार्गो विमान में इस हाथी को एक क्रेट में लोड किया। पूरी यात्रा के दौरान उसे व्‍यस्‍त रखने के लिए उसके साथ 200 किलो भोजन रखा गया, जिसमें केले और खरबूजे शामिल थे।

बता दें कि इस्लामाबाद जू में रह रहे इस हाथी की घटिया देखभाल और दुर्दशा के मामले को पशु अधिकारों संगठनों ने वैश्विक स्‍तर पर जमकर उठाया था। चेर के सोशल मीडिया अभियान से इन संगठनों को बढ़ावा मिला। वह कावन को देखने पाकिस्‍तान भी गईं और वहां से उसकी रिहाई का दबाव डालते हुए गाने भी लिखे थे। चेर ने कहा था कि वह गर्व महसूस करती हैं कि वह 17 साल से एक जगह बंधे हाथी को मुक्‍त कराने के प्रयास का एक हिस्‍सा हैं।

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