नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर पाकिस्तान का हाथ होने के पुख्ता सबूत मिले हैं। भारतीय सेना ने आतंकियों के जखीरे से ऐसे हथियार पकड़े हैं जिन्हें पाकिस्तान की सेना इस्तेमाल करती है। शुक्रवार को सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की एक साझा प्रेस वार्ता के दौरान भारतीय सेना की चिनार कॉर्प के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने बताया कि आतंकवादियों के पास से एक ऐसी एंटी पर्सनल लैंडमाइन जब्त की गई है जिसे पाकिस्तान की आयुद्ध फैक्टरी में बनाया गया है।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया गया कि जम्मू-कश्मीर में सेना के खिलाफ हथियार उठाने वाले 83 प्रतिशत स्थानीय आतंकवादी ऐसे हैं जो पहले सेना पर पत्थर फेंकते थे। लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने कहा कि सेना ने घाटी में आतंकवाद पर गहरा विश्लेषण किया है और उस विश्लेषण के बाद यह जानकारी निकलकर आई है। लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने पत्थरबाजी की राह पकड़ चुके युवाओं की माताओं से कहा है कि आज आपके बच्चे 500 रुपए के लिए सेना पर पत्थर फेंकेंगे और कल हथियार उठा लेंगे ऐसे में अपने बच्चों को पत्थरबाजी से रोकें।
लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने बताया कि नियंत्रण रेखा पर स्थिति पूरी तरह से काबू में है और पाकिस्तान की तरफ से आतंकवादियों की घुसपैठ का जो प्रयास किया जा रहा था उसे पूरी तरह से विफल कर दिया गया है। वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए सीआरपीएफ के आईजी जुल्फीकार हसन ने बताया कि इस साल आतंकवादियों की अमरनाथ यात्रा को बाधित करने के प्रयास किए जा रहे थे लेकिन सुरक्षाबलों की कड़ी मेहनत, तकनीक और स्थानीय लोगों के सहयोग से इसे सफल बनाया गया है।
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