JNU परिसर में 5 जनवरी को हुई हिंसा को लेकर विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। इस बीच परिसर में हुई हिंसा पर जेएनयू के रजिस्ट्रार डॉ. प्रमोद कुमार का बयान सामने आया है। इंडिया टीवी से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि कुछ छात्र रजिस्ट्रेशन रोकने के लिए हिंसा कर रहे थे। इसी विवाद के बाद हंगामा बढ़ गया और इसने हिंसा का रूप ले लिया। उन्होंने यह भी बताया कि इस बात के सबूत मिले हैं कि रजिस्ट्रेशन के खिलाफ इस पूरे विरोध का नेतृत्व जेएनयूएसयू के सदस्य कर रहे थे।
प्रमोद कुमार ने कहा, अब हालात पूरी तरह काबू में हैं। पुलिस से सादे कपड़े में निगरानी रखने की सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि वे छात्रों को फीस के मुद्दे पर समझा रहे हैं। डॉ.प्रमोद कुमार ने बताया कि झगड़े के पीछे दो गुट शामिल थे, पहला वे जो रजिस्ट्रेशन करवाना चाह रहे थे और दूसरा जो इसके विरोध में थे। जिन छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है उन्हें लगातार धमकाया गया। रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद जब ये छात्र अपने सुपरवाइजर या डीन से साइन करवाने के लिए गए तो वहां उनके साथ मारपीट की गई। मारपीट का यही सिलसिला बढ़ते बढ़ते पेरियार होस्टल तक पहुंच गया। और बाद में इसने भयानक रूप ले लिया। उन्होंने कहा जो भी हुआ वह अप्रत्याशित था।
हालांकि डॉ.कुमार ने इस मामले में किसी भी तरह से लेफ्ट या राइट के शामिल होने से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा कि ये विवाद रजिस्ट्रेशन करवाने वाले और न करवाने वालों के बीच का है। उन्होंने यह भी बताया कि जेएनयूएसयू ने इस रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का विरोध करने की बात जरूर की थी।
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