नई दिल्ली। RSS से संबद्ध छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने रविवार को आरोप लगाया कि लेफ्ट समर्थित छात्र संगठन के सदस्यों ने जेएनयू इकाई के उसके सचिव समेत अन्य सदस्यों पर हमला किया और संगठन के 11 सदस्य लापता हो गए। डंडों से लैस नकाबपोश लोगों के छात्रों एवं शिक्षकों पर हमला करने और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के बाद रविवार रात जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा भड़क उठी।
इसके बाद प्रशासन को परिसर में पुलिस बुलानी पड़ी। एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वाम छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ से संबद्ध छात्रों ने उसके सदस्यों पर “निर्ममता” से हमला किया। संगठन ने कहा, “इस हमले में करीब 25 छात्र गंभीर रूप से घायल हुए और 11 छात्रों का कुछ अता-पता नहीं।” एबीवीपी कहा, “लेफ्ट के नकाबपोश गुंडे आज जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में घुसे और पंजीकरण के लिए गए छात्रों को पीटा।” संगठन ने कहा, “एबीवीपी से संबद्ध जेएनयू के छात्रों पर निर्ममता से हमला किया गया।”
एबीवीपी के अनुसार, इसकी जेएनयू इकाई के सचिव और पिछले साल के जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मनीष जांगीड़ गंभीर रूप से घायल हो गए (उनके हाथ की हड्डी टूट गई है)। कई छात्रों के सिर पर चोट आई है और कुछ छात्र अब भी लापता हैं। वाम नियंत्रित जेएनयू छात्र संघ और एबीवीपी ने हिंसा के लिए एक-दूसरे पर आरोप मढ़ा। यह हिंसा करीब दो घंटे तक जारी रही। जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष के सिर पर चोट आई है। जेएनयू प्रशासन ने कहा, “डंडों से लैस नकाबपोश शरारती तत्व आस-पास घूम रहे हैं, संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं और लोगों पर हमला कर रहे हैं।”
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