JNU परिसर में नकाबपोशों ने छात्रों, शिक्षकों पर हमला किया, पुलिस बुलाई गयी
आरएसएस से संबद्ध छात्र संगठन एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वामपंथी संगठनों से संबद्ध छात्र संगठनों ने क्रूरतापूर्ण तरीके से हमला किया और उनके 25 कार्यकर्ता घायल हो गये।
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में रविवार रात को हिंसा भड़क गयी जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला किया, परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा। घटना के बाद कम से कम 18 घायलों को एम्स में भर्ती कराया गया है। हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष को सिर में चोट आई है।
जेएनयू प्रशासन ने कहा कि लाठियों से लैस नकाबपोश उपद्रवी परिसर के आसपास घूम रहे थे। वे संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे और लोगों पर हमले कर रहे थे। वाम नियंत्रित जेएनयू छात्र संघ और आरएसएस समर्थित एबीवीपी ने करीब दो घंटे तक चली हिंसा के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है।
जेएनयू परिसर में हिंसा भड़कने के बाद जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने एक बयान में कहा, ‘‘पूरे जेएनयू समुदाय के लिए अत्यावश्यक संदेश है कि परिसर में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो गयी है। लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश उपद्रवी आसपास घूम रहे हैं, संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं और लोगों पर हमले कर रहे हैं। जेएनयू प्रशासन ने व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस को बुलाया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह शांति बनाये रखने और चौकन्ना रहने का क्षण है। उपद्रवियों से निपटने के लिए प्रयास चल रहे हैं।’’
सूत्रों के मुताबिक जेएनयू शिक्षक संघ द्वारा बुलाई गई बैठक के दौरान यह झड़प हुई। छात्र संघ ने दावा किया कि उसकी अध्यक्ष आईशी घोष और कई अन्य छात्र एबीवीपी सदस्यों के पथराव में चोटिल हो गए। हालांकि, आरएसएस से संबद्ध छात्र संगठन एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वामपंथी संगठनों से संबद्ध छात्र संगठनों ने क्रूरतापूर्ण तरीके से हमला किया और उनके 25 कार्यकर्ता घायल हो गये।
JNU छात्र संघ ने दावा किया कि एबीवीपी के सदस्य नकाब पहनकर परिसर में लाठियां, रॉड लेकर घूम रहे थे। छात्र संघ ने आरोप लगाया, ‘‘वे ईंट पत्थर फेंक रहे थे। छात्रावासों में घुसकर छात्रों को पीट रहे थे। कई शिक्षकों की भी पिटाई की गयी।’’ उन्होंने दावा किया कि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष घोष पर बुरी तरीके से हमला किया गया और उनके सिर से खून बह रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बाहरी लोगों को परिसर में घुसने की अनुमति दी गयी और वे लड़कियों के हॉस्टलों में भी घुस गये।
उधर, एबीवीपी ने दावा किया कि वामपंथी छात्र संगठनों एसएफआई, आईसा और डीएसएफ के सदस्यों ने उन पर बुरी तरह हमला किया। उसने कहा, ‘‘हमले में करीब 25 छात्र गंभीर रूप से घायल हो गये और 11 छात्रों का अता-पता नहीं है। छात्रावासों में कई एबीवीपी सदस्यों पर हमले हो रहे हैं तथा वामपंथी गुंडे छात्रावासों में तोड़फोड़ कर रहे हैं।’’
विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने हिंसा को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश की सत्ता पर काबिज फासीवादी लोग बहादुर छात्रों की आवाज़ से डरते हैं। जेएनयू में आज की हिंसा उसी डर को दिखाती है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने घटना की निंदा की और कहा कि हालात पर करीब से नजर रखी जा रही है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों पर हमला अत्यंत निंदनीय है। दिल्ली पुलिस को कानून व्यवस्था बनाये रखने तथा हिंसा के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जेएनयू प्रशासन के साथ मिलकर हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया। हालात पर करीब से नजर रखी जा रही है।’’
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जेएनयू छात्रों पर नकाबपोश लोगों का हमला ‘सरकार प्रायोजित कृत्य’ है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, मैं जेएनयू में हिंसा के बारे में जानकर स्तब्ध हूं। छात्रों पर जघन्य तरीके से हमला किया गया। पुलिस को हिंसा तत्काल रोकनी चाहिए और शांति बहाल करनी चाहिए। अगर हमारे छात्र विश्वविद्यालय परिसर के अंदर सुरक्षित नहीं रहेंगे तो देश कैसे प्रगति करेगा।’’
उन्होंने इस संबंध में उपराज्यपाल अनिल बैजल से बात की और पुलिस को कार्रवाई का निर्देश देने का अनुरोध किया। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘जेएनयू में छात्रों की पिटाई की गयी। गुंडे महिलाओं के छात्रावास में तोड़फोड़ कर रहे हैं। कहीं पुलिस नहीं है। कहीं जेएनयू प्रशासन नहीं है। क्या मोदी सरकार इसी तरह छात्रों और युवाओं से बदला लेती है।’’
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार और जेएनयू की दुश्मनी जगजाहिर है। दिल्ली पुलिस जेएनयू के गेट पर है। इसके बावजूद गुंडे लाठियां लहरा रहे हैं, साबरमती तथा अन्य छात्रावासों में छात्रों की और शिक्षकों पिटाई कर रहे हैं। क्या सरकार प्रायोजित कृत्य है।’’
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने रविवार को कहा कि जेएनयू के छात्रावासों में नकाबपोश लोगों के घुसने और छात्रों पर हमले करने का सीधा प्रसारण टीवी पर देखना भयावह था और ऐसा केवल सरकार की मदद से ही हो सकता है। पूर्व वित्त मंत्री ने इस संबंध में ट्वीट किया, ‘‘हम टीवी पर जो सीधा प्रसारण देख रहे हैं, वह स्तब्ध करने वाला और भयावह है। नकाबपोश लोग जेएनयू के छात्रावासों में घुसे और छात्रों पर हमले करने लगे। पुलिस क्या कर रही है? पुलिस आयुक्त कहां हैं?’’ उन्होंने लिखा, ‘‘अगर लाइव टीवी पर यह हो रहा है तो इसे करने के लिए छूट दी गयी है और यह केवल सरकार के समर्थन से हो सकता है। भरोसा नहीं होता।’’
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने जेएनयू की हिंसा के लिए एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोगों ने हमलों की साजिश रची। उन्होंने कहा, ‘‘नकाबपोश हमलावर जेएनयू में घुस गये जबकि कानून लागू करने वाले वहां थे। यह वीडियो बताता है कि आरएसएस और भाजपा भारत को क्या बनाना चाहती है। उन्हें सफल नहीं होने दिया जाएगा।"