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Hindi News भारत राष्ट्रीय झारखंड में कोरोना संक्रमण से और 108 लोगों की मौत, टीकाकरण प्रारंभ

झारखंड में कोरोना संक्रमण से और 108 लोगों की मौत, टीकाकरण प्रारंभ

झारखंड में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण से 108 लोगों की मौत हुई है और 4991 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी बुलेटिन के अनुसार, राज्य में संक्रमण से अभी तक कुल 4290 लोगों की मौत हुई है।

Jharkhand reports 108 more COVID deaths, toll climbs to 4,290- India TV Hindi Image Source : PTI झारखंड में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण से 108 लोगों की मौत हुई है।

रांची: झारखंड में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण से 108 लोगों की मौत हुई है और 4991 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी बुलेटिन के अनुसार, राज्य में संक्रमण से अभी तक कुल 4290 लोगों की मौत हुई है जबकि कुल 3,06,248 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। बुलेटिन के अनुसार, राज्य में अभी तक कुल 2,53,490 लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं जबकि 48,468 संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है। राज्य में पिछले 24 घंटों में कुल 64510 नमूनों की जांच की गयी। इस अवधि में रांची में 605 नये मामले सामने आए। वहीं पलामू में 932, पूर्वी सिंहभूम में 579 और हजारीबाग में 364 लोग इस वायरस से संक्रमित पाये गये।

वहीं राज्य के सभी जिलों में 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिये टीके पहुंच गये हैं। शुक्रवार से इस आयु वर्ग के लोगों का निःशुल्क टीकाकरण प्रारंभ कर दिया गया है। झारखंड सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार ने 14 मई से 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को कोरोना का टीका लगाने की तैयारी पूरी कर ली है। प्रवक्ता ने बताया कि इस उद्देश्य से राज्य के सभी जिलों में टीके पहुंचा दिये गये हैं और टीकाकरण अभियान शुक्रवार से प्रारंभ कर दिया जायेगा।

इस बीच भाजपा की झारखंड इकाई के अध्यक्ष एवम् सांसद दीपक प्रकाश ने लॉकडाउन की अवधि में तीन दिनों की विशेष छूट पर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि यह सरकार लोगों की कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है तथा लॉकडाउन में भी तुष्टिकरण की नीति पर काम कर रही है। 

प्रकाश ने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार की प्राथमिकता में लोगों की सुरक्षा नहीं बल्कि वोट बैंक की राजनीति है, जबकि एक सरकार को इन सब बातों से ऊपर उठकर निर्णय लेना चाहिये। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति और नियत दोनों का पता ऐसे निर्णयों से चलता है। उन्होंने कहा कि आखिर सरकारी आदेश में 13 से 27 मई तक लॉकडाउन की समय सीमा बढ़ाये जाने के बाद फिर ये विशेष छूट क्यों?

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