झारखंड: लालू, आडवाणी तक हैं भोला की लिट्टी के मुरीद, हर दिन चढ़ती है हवाई जहाज
रांची के डोरंडा में हाईकोर्ट के पास 60 वर्षीय भोला प्रतिदिन लिट्टी चोखा का ठेला लगाते हैं। शाम पांच बजे से बिक्री शुरू और रात दस बजे खत्म। शाम साढ़े चार बजे के करीब वे पहुंच जाते हैं। साथ में, अब सात-आठ स्टाफ भी हैं। सबसे पहले चूल्हे की पूजा करते हैं।
रांची। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में हुनर हाट में बिहारी लिट्टी चोखा का क्या स्वाद लिया, लिट्टी चोखा सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा। लेकिन यह कम ही लोग जानते हैं कि रांची के लिट्टी चेाखा के भी कई नेता मुरीद हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं कि रांची के डोरंडा के भोला के लिट्टी-चोखा की। भोला के लिट्टी चोखा का अब तक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद, भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम जैसे दिग्गज लोग स्वाद चख चुके हैं। भोला के लिट्टी चोखा की प्रसिद्धि का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इनकी लिट्टी प्रतिदिन हवाई सफर करती है, यानी देश के किसी भी क्षेत्र से रांची आने वाले अधिकांश लोग वापस लौटने के क्रम में इनका लिट्टी देश के अन्य क्षेत्रों में जरूर ले जाते हैं।
रांची के डोरंडा में हाईकोर्ट के पास 60 वर्षीय भोला प्रतिदिन लिट्टी चोखा का ठेला लगाते हैं। शाम पांच बजे से बिक्री शुरू और रात दस बजे खत्म। शाम साढ़े चार बजे के करीब वे पहुंच जाते हैं। साथ में, अब सात-आठ स्टाफ भी हैं। सबसे पहले चूल्हे की पूजा करते हैं। ब्रांडिंग भी कर ली है ठेले और स्टाफ की। लेकिन, स्वयं मुरेठा (पगड़ी) ही बांधे रहते हैं। अब तो जोमैटो, स्विगी की डिलीवरी भी है। साथ में, कार्ड-पेटीएम से भुगतान भी कर सकते हैं। भोला जी मूल रूप से पटना के बाढ़ के रहने वाले हैं। इनके पिताजी 1956 में रांची आए थे और लिट्टी-चोखा बेचना शुरू किया था। भोला आईएएनएस से कहते हैं, "मैंने जब होश संभाला, तब स्वयं को लिट्टी-चोखा की दुकान पर ही पाया और अब भी, लिट्टी-चोखा बेच रहा हूं।"
भोला आईएएनएस से बताते हैं, "शुरुआत में एक रुपये की दो सूखी लिट्टी और डेढ़ रुपये की घी वाली दो लिट्टी बेचा करता था। साथ में, चोखा तो देना ही होता था। अब 50 रुपये की दो सूखी और 80 रुपये की घी वाली दो लिट्टी, चोखा सहित बेच रहा हूं। भोला के ठेले पर दहीबड़ा भी बेचा जाता है, जो 80 रुपये प्रति प्लेट और पेड़ा 20 रुपये प्रति पीस ब्रिक्री की जाती है।"
भोला प्रतिदिन 800 से 900 लिट्टी बेचते हैं। भोला कहते हैं लिट्टी के सही स्वाद के लिए जरूरी है कि सत्तू में सही और उचित मात्रा में मसाला डाला जाए। भोला आईएएनएस से कहते हैं, "70 साल पहले पिताजी के हाथों का जो स्वाद था, हमने उसे आज भी कायम रखा है। पहले पिताजी लिट्टी बनाते थे तो मैं बहुत ध्यान से देखता था। वे सामग्री पर विशेष ध्यान देते थे, जिससे लोगों को घर जैसा स्वाद मिले। फिर 1989 से मैं लिट्टी बनाने लगा। आज भी हमारे यहां की लिट्टी सिर्फ शहर के लोग ही नहीं खाते, बाहर पैक कराकर भी ले जाते हैं।"
वे शान से कहते हैं उनकी लिट्टी प्रतिदिन हवाई सफर करती है। बाहर से आने वाले कई लोग यहां की लिट्टी ले जाते हैं। भोला कहते हैं कि उन्होंने अपने हाथों से लालू प्रसाद, लालकृष्ण आडवाणी और अब्दुल कलाम को लिट्टी खिलाया है। उन्होंने दावा करते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब खूंटी में एक सभा को संबोधित करने आए थे, तब वे भी उनकी लिट्टी का स्वाद चख चुके हैं, लेकिन उनकी इच्छा प्रधानमंत्री को खुद लिट्टी खिलाने की है। भोला ने कहा कि लालू प्रसाद तो उनकी लिट्टी के मुरीद हैं। लालू की बड़ी पुत्री मीसा भारती के विवाह समारोह में भोला लिट्टी बनाने खुद पटना पहुंचे थे।
भोला का एक पुत्र राहुल कुमार जिसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है लेकिन वह भी अब अपने पिता के ही व्यवसाय में हाथ बंटा रहे हैं। भोला अपनी भविष्य की योजना के विषय में कहते हैं कि हमारी इच्छा अब एक दुकान बनाने की है। उन्होंने कहा कि अब ठेला पर व्यवसाय बहुत हुआ। भोला का दुकान खुलते ही ग्राहकों का जुटना प्रारंभ हो जाता है। इन ग्राहकों में रांची के अलावा बाहर के भी लोग होते हैं। भोला कहते हैं कि रांची में क्रिकेट मैच के दौरान विदेशी लोग भी यहां आकर लिट्टी का आनंद ले चुके हैं।