रांची। झारखंड में चुनावी सरगर्मी बेहद तेज है। भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि वो सूबे में वापसी करेगी, लेकिन पुराने साथी AJSU से सीट बंटवारे को लेकर समझौता न हो पाने के बाद उनकी राह और कठिन हो गई है। इस बीच भाजपा को एक और झटका दिया है पार्टी के बागी नेता सरयू राय ने।
भाजपा के बागी नेता और जमशेदपुर पूर्व से प्रत्याशी सरयू रॉय ने कहा है कि मैं 5 साल से भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रहा हूं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके अलावा मेरा टिकट रोक दिया गया। ऐसी स्थिति पैदा हुई कि मुझे मुख्यमंत्री रघुबर दास के खिलाफ खड़ा होना पड़ा।
‘नीतीश के साथ निकटता मुझे टिकट नहीं दिये जाने का एक कारण हो सकता है’
झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू रॉय ने सोमवार को कहा कि भाजपा द्वारा उन्हें टिकट नहीं देने की एक वजह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनकी नजदीकी हो सकती है। रॉय जमशेदपुर (पूर्व) सीट से मुख्यमंत्री रघुबर दास के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने सोमवार को नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया।
उन्होंने 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि उम्मीदवारों की सूची को मंजूरी देने वाले भाजपा संसदीय बोर्ड के कम से कम तीन सदस्यों ने मुझे बताया कि नीतीश कुमार द्वारा 2017 में मेरी पुस्तक "फ्रेंड" के विमोचन पर कड़ी नाराजगी जताई गई और संभवत: यही मुझे टिकट नहीं दिये जाने का एक कारण बना।
रॉय ने कहा कि वह इसे समझ नहीं पा रहे हैं क्योंकि नीतीश ने 2017 में एक बार फिर भाजपा से हाथ मिलाकर बिहार में राजग सरकार का गठन किया था। उन्होंने कहा, "मेरी पुस्तक गैर-राजनीतिक विषय पर थी और नीतीश कुमार से इसका विमोचन कराना कोई अपराध नहीं है।" रॉय ने झारखंड के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उन्होंने जमशेदपुर (पूर्व) सीट से मुख्यमंत्री रघुबर दास के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया।
उन्होंने कहा, "यह (कुमार द्वारा पुस्तक का विमोचन) भाजपा द्वारा मुझे टिकट नहीं दिये जाने का एक कारण हो सकता है।" रॉय ने दावा किया कि जद(यू) के साथ-साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने चुनाव में उन्हें समर्थन देने का वादा किया है। (भाषा)
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