नई दिल्ली: वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मानहानि के मुकदमें नहीं लड़ेंगे। इसके अलावा जेठमलानी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से अपने बकाए फीस की भी मांग की है, जो 2 करोड़ रुपये है। बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की तरफ से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दर्ज किए गए सिविल और आपराधिक मानहानि केस में जेठमलानी केजरीवाल के वकील है। ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस
दरअसल, केजरीवाल की ओर से राम जेठमलानी को जेटली के खिलाफ कोर्ट में अपमानजनक भाषा का उपयोग करने के कथित निर्देश देने से इंकार करने के बाद वरिष्ठ वकील ने यह कदम उठाया है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक जेठमलानी ने सीएम को एक खत भी लिखा है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि केस पर निजी चर्चा के दौरान जेटली के खिलाफ केजरीवाल उनसे भी ज्यादा आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। जेठमलानी ने केजरीवाल से उनकी कानूनी फीस भी देने को कहा है। जेठमलानी की फीस 2 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
दिल्ली सरकार ने इससे पहले फरवरी में जेठमलानी की 3.5 करोड़ रुपए की फीस भरी थी। राम जेठमलानी केजरीवाल की तरफ से 11 बार अदालतों में पेश हुए। जेठमलानी ने इसके लिए 1 करोड़ रुपये का रिटेनर और प्रति सुनवाई 22 लाख रुपये की फीस ली थी।
गौरतलब है कि 25 जुलाई को इस मुकदमें की सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने हाई कोर्ट से कहा कि उन्होंने अपने वकील राम जेठमलानी से जेटली पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए नहीं कहा था। केजरीवाल ने कोर्ट से कहा कि उन्होंने जेठमलानी को पत्र लिखकर यह बात कही थी कि वे अपनी उस बात को वापस लें।
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