जम्मू-कश्मीर में अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में 37 जवान शहीद, पूरे देश में जबरदस्त गुस्सा
बताया जा रहा है कि जम्मू एवं कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में 37 जवान शहीद हो गए हैं। इस हमले के बाद जहां सरकार एक्शन में है वहीं पूरे देश में इस हमले को लेकर जबरदस्त गुस्सा है। हर कोई पाकिस्तान से बलिदान का बदले की मांग कर रहा है। हर हिंदुस्तानी चाहता है कि ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाए और ऐसा दिया जाए कि ना सीमा पार पल रहे मरने वाले दहशतगर्दों की संख्या गिनी जाए ना घायलों की संख्या। हर कोई कह रहा है कि जब तक इधर की गोलियां उधर के सीनों में सुराख नहीं करेंगी, तब तक न पाकिस्तान सुधरेगा। बताया जा रहा है कि जम्मू एवं कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है।
इस आतंकी हमले में एक आत्मघाती हमलवार ने श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस से टकरा दी और उसमें विस्फोट कर दिया। पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) ने इस नृशंस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है और आत्मघाती हमलावर का एक वीडियो भी जारी किया। जैसे ही हमले की खबर कश्मीर से दिल्ली पहुंची। गुस्से का गुबार फैलने लगा। एनआईए को जांच की जिम्मेदारी दी गई है और आज सुबह 9 बजे सुरक्षा मामलों की कैबिनेट बैठक बुलाई गई है।
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में तय किया जाएगा कि आतंकियों के साथ-साथ पाकिस्तान से कैसे निपटा जाए क्योंकि अपनी जमीन पर दशहतगर्दी को पालने-पोसने वाला पाकिस्तान हर बार हिंदुस्तान पर हमले कराता है और हर बार बड़ी बेशर्मी के साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर झूठ और फरेब का खेल खेलता है। एक तरफ पाकिस्तान खुद को दशहतगर्दी का पीड़ित बताता है और दूसरी तरफ मसूद अजहर गाजी और आदिल जैसे आतंकी हमले को अंजाम देते हैं।
जवानों पर ऐसा हमला किया गया था कि उन्हें बचने का मौका तक नहीं मिला। 200 किलो विस्फोटक के फटने के बाद कोई 10 किलोमीटर तक का इलाका गूंज उठा था। गुरुवार दोपहर बाद 3:30 बजे का वक्त हो रहा था और श्रीनगर हाईवे पर सुरक्षाबलों की 78 गाड़ियों का काफिला गुजर रहा था। काफिले में ढाई हजार से ज्यादा जवान सवार थे लेकिन जैसे ही पुलवामा में अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके में काफिला पहुंचा आतंकियों ने विस्फोटक से भरी गाड़ी से काफिले की एक गाड़ी हमला कर दिया। पीएम ने कहा है बलिदान बेकार नहीं जाएगा, भारत की संप्रभुता को आंख दिखाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
मोदी ने कहा, "यह हमला घृणित है। मैं इस कायरतापूर्ण हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। हमारे बहादुर सुरक्षा कर्मियों का त्याग व्यर्थ नहीं जाएगा। पूरा देश बहादुर शहीदों के परिवारों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ा है।" वहीं आज बिहार के दौरे पर जाने वाले गृह मंत्री राजनाथ सिंह अब यहां जाने के बजाए श्रीनगर पहुंचने वाले हैं। गृह सचिव राजीव गौबा भूटान का अपना दौरा बीच में छोड़कर आज उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक के लिए श्रीनगर पहुंचेंगे।
श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर सभी प्रकार के यातायात को रोक दिया गया है। वरिष्ठ पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारी विस्फोट बाद विश्लेषण के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। एक अधिकारी ने कहा कि हमला किन हालात में हुआ, उसे समझने के लिए सीआरपीएफ और पुलिस एक विस्तृत जांच करेंगी। अधिकारियों ने कहा कि एक बार में इतनी बड़ी संख्या में सीआरपीएफ जवानों के स्थानांतरित होने के पीछे खराब मौसम के कारण पिछले दो दिनों से श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग का बंद होना था। काफिला जम्मू से तड़के साढ़े तीन बजे निकला था।