नई दिल्ली: मशहूर डायरेक्टर शेखर कपूर के एक ट्वीट पर मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ऐसा भड़के कि उन्होंने शेखर कपूर मनोरोगी तक कह दिया। जिसके बाद अब शेखर कपूर ने उन्हें जवाब देते हुए 'Still a refugee' का मतलब समझाया। दरअसल, शेखर कपूर ने ट्वीट किया था कि “बंटवारे के रिफ्यूजी के तौर पर जीवन शुरू किया। पैरंट्स ने बच्चों की जिंदगी संवारने के लिए सबकुछ दिया। हमेशा से 'बुद्धिजीवियों' के डर में जिया हूं। उन्होंने हमेशा मुझे तुच्छ होने का अहसास दिलाया। बाद में अचानक मेरी फिल्मों की वजह से गले लगाया। मैं अब भी उनसे डरता हूं। उनका गले लगना सांप के डसने जैसा होता है। अभी भी मैं एक रिफ्यूजी हूं।'
शेखर कपूर के इस ट्वीट पर गीतकार जावेद अख्तर ने रिप्लाई किया और लिखा कि “अभी भी रिफ्यूजी होने से आपका क्या मतलब है। क्या इसका यह मतलब है कि आप खुद को बाहरी मानते हैं भारतीय नहीं और आपको ऐसा लगता कि यह आपकी मातृभूमि नहीं है। अगर आपको भारत में भी रिफ्यूजी जैसा महसूस होता है तो आप खुद को कहां रिफ्यूजी महसूस नहीं करेंगे, पाकिस्तान में? बेचारे अमीर लेकिन अकेले आदमी, यह ड्रामा बंद कीजिए।”
शेखर कपूर के ट्वीट पर जावेद अख्तर का ये तो पहला ही जवाब था। वह यहीं नहीं रुके, इसके आगे उन्होंने लिखा कि “कौन हैं ये बुद्धिजीवी जिन्होंने आपको गले लगाया और जिनका गले लगाना आपको सांप के डसने जैसा लगा? श्याम बेनेगल, अदूर गोपाल कृष्णा, राम चंद्र गुहा? सच में? शेखर साहब आप स्वस्थ नहीं हैं। आपको मदद की जरूरत है। मान जाइए, एक अच्छे साइकेट्रिस्ट से मिलना कोई शर्म की बात नहीं है।'
वहीं, जावेद अख्तर द्वारा अभी भी रिफ्यूजी होने का मतलब पूछे जाने पर शेखर कपूर ने उन्हें जवाब देते हुए एक ट्वीट किया और लिखा कि "नहीं, इसका मतलब होता है कि आप एक बार रिप्यूजी हो गए तो आप बिना ठिकाने बाले (बंजारे/Gypsy) शख्स की तरह महसूस करते हैं।"
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