श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में एकबार फिर से सेना आतंकवादियों के खिलाफ अपना अभियान तेज करने की तैयारी में है। जम्मू कश्मीर के पुलिस प्रमुख एस पी वैद्य ने आज कहा कि आगामी दिनों में राज्य में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान तेज होगा क्योंकि रमजान के दौरान जब आतंकवाद रोधी अभियान बंद थे तब आतंकी गतिविधियों में तेजी आई थी। यह पूछे जाने पर कि क्या राज्यपाल शासन से आतंकवाद रोधी अभियानों में राज्य की सुरक्षा रणनीति में कोई अंतर आएगा , उन्होंने कहा कि अभियान जारी रहेंगे। इस (संघर्षविराम) समयावधि के दौरान अभियान रोक दिए गए थे। वे पहले भी चल रहे थे लेकिन हम आगामी दिनों में इन अभियानों को तेज करेंगे। और मुझे लगता है कि काम करना बहुत आसान होगा।
वैद्य ने कहा कि रमजान में संघर्षविराम के समय आतंकवादी गतिविधियों में बढोतरी हुई। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और अब आतंकवादियों के खिलाफ अभियान तेज करेंगे।’’ डीजीपी ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि राज्यपाल शासन का घाटी की सुरक्षा स्थिति पर असर होगा और ‘‘ चीजें बहुत असरदार तरीके से काम करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि संघर्षविराम के कारण आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर असर पड़ा है क्योंकि इससे आतंकवादियों को लाभ पहुंचा।
इधर, जम्मू-कश्मीर सरकार से बीजेपी ने समर्थन वापस ले लिया है और राज्यपाल ने राज्य में गवर्नर रूल लागू करने की सिफारिश केंद्र को भेज दी है। ऐसे में अब सेना को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने की पूरी छूट मिलने की संभावना है और एक बार फिर से सेना आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑलआउट शुरू कर सकती है।
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