नई दिल्ली/श्रीनगर: कोरोना वायरस महामारी के दबाव से बाहर निकलने की कोशिश में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने स्कूल, कॉलेज, उच्च शिक्षा संस्थान और सिनेमाघरों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने विवाह समारोह में आने वाले मेहमानों की संख्या को लेकर भी निर्णय लिया।
प्रशासन की ओर से कहा गया, "केंद्रशासित प्रदेश में सभी स्कूल, कॉलेज और उच्च शिक्षा संस्थान 31 दिसंबर तक बंद रहेंगे। कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्र स्वैच्छिक आधार पर स्कूल जा सकते हैं। सिनेमाघर 50% क्षमता के साथ खुल सकते हैं। विवाह समारोह में 100 मेहमानों को शामिल होने की अनुमति है।
जम्मू-कश्मीर में इस दौरान जिला विकास परिषद के चुनाव भी होने हैं जिस वजह से चहल पहल बढ़ सकती है और कोरोना का खतरा भी बढ़ सकता है, इसे ध्यान में रखते हुए भी स्कूल फिलहाल बंद रखने का फैसला हुआ है।
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद से केंद्रशासित प्रदेश में यह पहला चुनाव है और जिला विकास परिषद चुनाव के पहले चरण में शनिवार को करीब 52 फीसदी मतदान हुआ। आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, कश्मीर में 11,500 पद पंच के और 890 पद सरपंच के खाली हैं और जम्मू संभाग में 185 सीट पंच की और 124 सीट सरपंच की खाली हैं। नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी सहित क्षेत्रीय दलों ने 2018 में पंचायत चुनावों का बहिष्कार किया था।
आठ चरणों में होने वाले चुनावों में पीजीएडी, भाजपा और पूर्व वित्त मंत्री अलताफ बुखारी की अपनी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। वर्ष 2018 में पंचायत चुनावों का बहिष्कार करने वाले बड़े क्षेत्रीय दल नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) के बैनर तले चुनावी मैदान में उतरे हैं। अधिकारियों ने बताया कि कुल 2644 मतदान केंद्र बनाए गए हैं और इस चरण में सात लाख तीन हजार 620 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।
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