J&K में राजनीतिक गतिविधियों की पूरी आजादी, देश विरोधी गतिविधि की नहीं- मनोज सिन्हा
PDP और NC के आरोपों पर मनोज सिन्हा ने कहा कि पहले भी यहां चुनाव हुए हैं। पहले जिसकी सत्ता होती थी, 90-95 फीसदी लोग उन्हीं के विजयी होते थे। चुनाव के परिणाम ने निष्पक्षता पर मोहर लगा दी है।
जम्मू. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हाल ही में DDC चुनाव संपन्न हुए हैं। शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर से जुड़े एक कार्यक्रम में इन चुनावों का जिक्र किया। जम्मू-कश्मीर में मजबूत होते लोकतंत्र के बीच इंडिया टीवी ने बात की वहां के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से। मनोज सिन्हा ने कहा कि एक बात पूरे देश को समझ आ गई है कि जम्मू-कश्मीर के आवाम की लोकतंत्र में बहुत आस्था है। चुनाव के परिणाम ने निष्पक्षता पर मोहर लगा दी है। जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियों की पूरी आजादी है, लेकिन देश विरोधी गतिविधि की कोई आजादी नहीं दी जाएगी।
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मनोज सिन्हा ने कहा कि ये सच है कि पूरे देश में त्रि स्तरीय पंचायती राज्य व्यवस्था थी, जो दुर्भाग्य से J&K में नहीं कायम हो सकी, कानून में बदलाव किए गए जिसके बाद त्रि स्तरीय पंचायती राज्य व्यवस्था जम्मू-कश्मीर में लागू हुई। उन्होंने कहा कि पिछले तीन चार महीने में प्रशासन ने सामान्य जनमानस से संवाद बहुत बढ़ाया है और पंचायती राज्य संस्थाओं को बहुत मजबूत किया है। आर्थिक रूप से भी और प्रशासनिक रूप से भी। जिस वजह से केंद्र शासित प्रदेश के लोगों ने उत्साहपूर्वक मतदान किया।
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मनोज सिन्हा ने कहा कि लोगों को लगने लगा है कि ग्रास रूट डेमोक्रेसी के लिए भी ये आवश्यक है और जिले-ब्लॉक के विकास के लिए भी सरकार और प्रशासन की नियत साफ है। इसलिए लोगों ने मतदान में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। पिछले लोकसभा चुनाव की दृष्टि से देखगें तो कश्मीर घाटी के कई जिलों में तीन गुना से ज्यादा मतदान हुआ।
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PDP और NC के आरोपों पर मनोज सिन्हा ने कहा कि पहले भी यहां चुनाव हुए हैं। पहले जिसकी सत्ता होती थी, 90-95 फीसदी लोग उन्हीं के विजयी होते थे। चुनाव के परिणाम ने निष्पक्षता पर मोहर लगा दी है। यहां के सामान्य लोगों का मानना है कि लंबे समय बाद हिंसा मुक्त, पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव यहां पर हुए हैं। पूरे राजनीतिक परिदृश्य में लोग भी ऐसा मानता है।
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मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियों की पूरी आजादी है, लेकिन देश विरोधी गतिविधि की कोई आजादी नहीं दी जाएगी। इस लाइन को सबको समझना होगा। इसका चेयरमैन चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। चेयरमैन और जन प्रतिनिधियों को विकास कार्य के लिए शासन पैसा देगा। उनकी विकास की जिम्मेदारी होगी। गुपकार गठबंधन के 370 वाले मुद्दे पर उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के लोग परिणाम को राजनीतिक चश्मे से देखेंगे।
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