श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के राज भवन की तरफ से एक बयान जारी कर उन खबरों को गलत और आधारहीन बताया गया है, जिनमें राज्यपाल प्रशासन की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को सशर्त रिहाई का प्रस्ताव देने और दोनों द्वारा प्रस्ताव को ठुकराने की बात कही गई है। राज भवन ने अपने बयान में ऐसी तमाम खबरों की निंदा की है।
राज भवन ने बयान में कहा कि “ऐसी खबरें पूरी तरह से गलत और आधारहीन हैं। किसी को हिरासत में लेने/छोड़ने के निर्णयों में राज्यपाल सत्यपाल मलिक शामिल नहीं हैं, यह निर्णय लोकल पुलिस प्रशासन द्वारा लिए गए हैं।” बयान में कहा गया कि राज्यपाल ने इन नेताओं (उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती) से कई बातचीत नहीं की है।
बता दें कि दोनों नेताओं को 6 अगस्त को हिरासत में लिया गया था। शुरुआत में दोनों नेताओं को हरी निवास गेस्ट हाउस में रखा गया था। लेकिन, दोनों नेताओं में बहस होने के कारण अलग-अलग गेस्ट हाउस में शिफ्ट कर दिया गया था। यह सभी राज्य से धारा 370 को हटाने के ऐलान के बाद राज्य की स्थिति को कंट्रोल में रखने के मद्देनजर किया गया था।
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