श्रीनगर: कश्मीर में पारंपरिक विवाह मौसम में कारोबार काफी प्रभावित हुआ है क्योंकि हजारों जोड़ों ने जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद घाटी में लगाई गई पाबंदियों के मद्देनजर खर्चीली शादी के बजाय सामान्य समारोह आयोजित करने का फैसला किया है। लोगों की आवाजाही पर पाबंदी लगने के बाद चमक-दमक वाली शादियां नहीं होने के चलते मांस आपूर्तिकर्ता, विवाह में पहने जाने वाले आभूषणों के विक्रेता और वाजवान (पारंपरिक कश्मीरी व्यंजन) खानसामों का कारोबार प्रभावित हुआ है।
कुछ पृष्ठों का प्रकाशन कर रहे स्थानीय दैनिक समाचारपत्रों ने एक पृष्ठ ऐसे विज्ञापनों के लिए निर्धारित कर दिया है जिसमें रिश्तेदारों और मित्रों को दिए गए विवाह आमंत्रण रद्द करने बारे में विज्ञापन प्रकाशित किए जा रहे हैं। एक स्थानीय उर्दू दैनिक में प्रकाशित एक विज्ञापन में लिखा है, ‘‘वर्तमान स्थिति के चलते मेरे पुत्र यासिर बशीर का विवाह समारोह सामान्य तरीके से होगा। वलीमा कार्यक्रम के लिए निमंत्रण रद्द किया जा रहा है। असुविधा के लिए खेद है।’’
एक दैनिक समाचार पत्र के सोमवार के संस्करण में ऐसे 25 से अधिक विज्ञापन हैं। इस समाचार पत्र का प्रसार शहर के सीमित क्षेत्रों में किया गया है। कई परिवारों ने विवाह का दावत समारोह रद्द करने का संदेश एक निजी टेलीविजन चैनल के जरिए देने का चयन किया। उक्त टेलीविजन चैनल लोगों की सुविधा के लिए यह वीडियो और संदेश मुफ्त में दे रहा है। अब्दुल माजिद की पुत्री का विवाह शनिवार को है। उन्होंने कहा कि गुलिस्तान न्यूज केबल नेटवर्क के साथ ही डीटीएच के विभिन्न प्लेटफार्म पर उपलब्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम जैसे लोगों के लिए विभिन्न मेहमानों तक पहुंच बनाना इस तरह से आसान हो जाता है क्योंकि उन तक पहुंच का और कोई रास्ता नहीं हैं। इस समारोहों से जुड़े कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। वाजवान खानसामा का काम करने वाले मुश्ताक अहमद के अनुसार एक औसत विवाह समारोह में 600 से 800 मेहमान होते हैं। उन्होंने कहा,‘‘यद्यपि हमसे अब 150 से 200 लोगों के लिए ही खाना बनाने के लिए कहा जा रहा है जिसमें मुख्य तौर पर दूल्हे और दुल्हन के नजदीकी परिवार के सदस्य और मित्र होते हैं।’’
अहमद ने कहा कि वर्तमान स्थिति के चलते उनकी कमाई करीब 70 प्रतिशत कम हो गई है। वहीं, मांस आपूर्तिकर्ता मोहम्मद अल्ताफ गनी ने कहा, ‘‘मैं आमतौर पर विवाह समारोह के लिए आठ से 10 क्विंटल मांस की आपूर्ति करता था लेकिन यह अब घटकर करीब दो क्विंटल रह गया है।’’ जौहरी का काम करने वाले मोहम्मद इकबाल ने कहा कि इस मौसम में सोने की बिक्री में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ गई है क्योंकि लोगों ने विवाह में जेवरात पर अधिक खर्च करना बंद कर दिया है।
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