श्रीनगर: माता-पिता की भावुक अपील के बाद नोएडा के एक विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा जम्मू कश्मीर का छात्र एहतेशाम बिलाल रविवार दोपहर को घर लौट आया। उसके प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू कश्मीर (आईएसजेके) में शामिल होने की खबरें आई थीं। जम्मू कश्मीर पुलिस ने किसी का नाम लिए बगैर एक ट्वीट कर कहा कि परिवार और पुलिस की मदद से एक व्यक्ति मुख्यधारा में लौट आया। विस्तृत जानकारी का इंतजार करें। श्रीनगर के खानयार का रहने वाला 20 वर्षीय एहतेशाम सोशल नेटवर्किंग साइट पर काली पगड़ी और काला पठानी सूट पहने दिखाई दिया था। उसके सीने पर विस्फोटक बंधे थे तथा पीछे इस्लामिक स्टेट का झंडा दिखाई दे रहा था।
वह अक्टूबर के मध्य में नोएडा में विश्वविद्यालय से लापता हो गया था। उसके लापता होने की खबर से परिवार हैरान हो गया था और उन्होंने उसे लौटने के लिए राजी करने के वास्ते हर दरवाजा खटखटाया। पुलिस ने उनके बेटे की वापसी के लिए हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। हाथ जोड़े हुए परिवार के सदस्यों की तस्वीरें स्थानीय अखबारों में प्रकाशित हुई जिसमें एहतेशाम से कम से कम अपने माता-पिता के शव को कंधा देने के लिए घर लौटने की अपील की गई जिसके बाद युवक अपने घर लौट आया।
उसके माता-पिता ने आतंकवादी संगठन से उनके बेटे को भेजने की भावुक अपील की थी। उन्होंने कहा था कि वह पूरे सोफी कबीले में उनका इकलौता बेटा है और उसे अपने परिवार के पास लौटने दिया जाए। एहतेशाम नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय में बीटेक का छात्र था। उसके पिता बिलाल सोफी के हवाले से कहा गया कि मेरे बेटे, तुम कहते थे कि जन्नत अम्मी-अब्बू के पैरों में है, इसलिए आ जाओ और फिर से हमारे साथ रहो। इन अपीलों और पिछले दरवाजे से बातचीत के आखिरकार सकारात्मक नतीजे निकले और वह दोपहर को अपने घर लौट आया।
इसके तुरंत बाद पुलिस की एक टीम उसे चिकित्सा जांच के लिए एक अज्ञात स्थान पर ले गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उन दावों को खारिज कर दिया कि एहतेशाम को हिरासत में लिया गया है। अधिकारी ने कहा कि हम भी इंसान हैं। हम युवक के माता-पिता के साथ हैं। उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है और उसे केवल चिकित्सीय जांच के लिए ले जाया गया है। परिवार के सदस्य उसके साथ हैं।
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