नई दिल्ली: जम्मू से एक बेहद दर्दनाक ख़बर आई है। ठिठुरन वाली इस ठंड में कुछ लोग बेघर हो गए हैं। उनके आशियाने पर बुलडोजर चल गया है और वो दर-दर भटकने के लिए मजबूर हैं। न कोई मकान सही-सलामत बचा, न कोई दुकान और न ही कोई टिन का शेड। करीब बीस जेसीबी मशीनों ने कुछ ही घंटे के भीतर पूरी की पूरी बस्ती को मटियामेट कर दिया। मामला जम्मू के राजौरी की हैं जहां लोग अपनी आंखों के सामने अपने आशियाने ढहते देखते रह गए। उनके पास तमाशबीन बने रहने के सिवाय दूसरा कोई चारा भी नहीं था क्योंकि जिस ज़मीन पर उनके आशियानों की बुनियाद पड़ी थी वो सरकारी थी।
भूमाफियाओं ने अफसरों से सांठगांठ कर ज़मीन पर अवैध कब्जा कर पूरी बस्ती ही बसा डाली थी और इसे लोगों को ऊंचे दामों पर बेच दिया था। ठिठुरन वाली ठंड में कई लोग सड़क पर आ गए हैं। प्रशासन ने इतनी फुर्ती में एक्शन किया कि यहां रह रहे लोग अपना बचा-खुचा सामान भी ढंग से नहीं समेट पाए। सरकारी जेसीबी मशीनों ने देखते ही देखते उनके खरीदे घरों को मिट्टी में मिला दिया। ये सारी कार्रवाई राजौरी के डिप्टी कलेक्टर के हुक्म पर हुई।
राजौरी ज़िला प्रशासन ने सरकारी ज़मीन पर बसे 30 अवैध ढांचे गिरा दिए। इनमें 14 दुकानें और 11 मकान शामिल थे। ये सारा अवैध निर्माण 34 एकड़ इलाके में हुआ था। भू-माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने पर कई स्थानीय लोग डीसी की हिम्मत की दाद दे रहे हैं लेकिन इस कार्रवाई से दर्जनों लोगों का आशियाना छिन गया है। प्रशासन ने इस अवैध निर्णाण के गुनहगार कुछ सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के ख़िलाफ़ भी मुकदमा दर्ज किया है।
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